पटना : बिहार में बिजली महंगी हो सकती है कारण है कि बिजली बनाने वाली कंपनियां और ट्रांसमिशन करने वाली कंपनियों ने ट्रांसमिशन शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। अभी ट्रांसमिशन शुल्क 20 पैसा है। अब कंपनियां इसे 78 पैसा करना चाहती है। अगर यह दर लागू हो जाती है तो विधुत वितरण कंपनियो पर 58 पैसे का अतिरिक्त भार पड़ेगा। यह भार उपभोक्ता के पास आते-आते 90 पैसा हो जाएगा।
आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश मीडिया प्रभारी बबलू कुमार प्रकाश ने बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड और बिहार ग्रिड कम्पनी लिमिटिड के ट्रांसमिशन शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बिहार में 6000 मेगावाट की जरूरत है और ट्रांसमिशन कंपनियों ने 20000 मेगावाट पावर ग्रिट बना लिया है। कम्पनी अपनी गलती का ठीकरा बिहार की जनता के सर फोड़ना चाहती है और मोटी ट्रांसमिशन शुल्क बसूल कर अपनी झोली भरना चाहती है।
बबलू ने कहा-बढ़ती महंगाई से परेशान बिहार की जनता बिजली का करंट नही झेल पाएगी। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के राह पर चलते हुए महाराष्ट्र, झारखंड और बंगाल की राज्य सरकारों ने 100 यूनिट बिजली अपनी राज्य की जनता को मुफ्त देने की घोषणा कर दिया है। वहीं, बिहार की सरकार बिजली दर घटाने की जगह बढ़ाने की बात कर करंट लगा रही है। बबलू ने बिहार के मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि- नीतीश जी, दिल को बड़ा कीजिये और केजरीवाल सरकार के राह पर चल कर दिखाइए और बिहार की जनता को 100 यूनिट बिजली निशुल्क दीजिये।