अहमदाबाद/नई दिल्ली.अयोध्या विवाद पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल की दलील पर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। सिब्बल ने इस विवाद की सुनवाई जुलाई 2019 में कराने की मांग की थी। इस पर अमित शाह ने बुधवार को कपिल सिब्बल पर तंज कसते हुए कांग्रेस के रवैये को शर्मनाक करार दिया। सुन्नी वक्फ बोर्ड के हाजी महबूब ने सुबह तो कपिल सिब्बल की दलील को गलत करार दिया लेकिन शाम को अपने बयान से पलटते नजर आए। कहा- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कन्वीनर जफरयाब जिलानी अगर सिब्बल को सही मानते हैं तो अब मुझे कुछ नहीं कहना।
1) सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा था?
- मंगलवार को अयोध्या विवाद की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था, “कृपया होने वाले असर को ध्यान में रखकर इस मामले की सुनवाई कीजिए। मामले की सुनवाई जुलाई 2019 में की जाए, हम यकीन दिलाते हैं कि हम किसी भी तरह से इसे और आगे नहीं बढ़ने देंगे।”
- मोदी ने गुजरात की एक रैली में सिब्बल को आड़े हाथ लिया। कहा, “चुनावी फायदों के लिए अहम मामलों को लटकाए रखनी वाली कांग्रेस इसे सिब्बल का निजी विचार क्यों बता रही है? सिब्बल कोर्ट में मुसलमानों के हक की बात करें, बाबरी मस्जिद पर दलीलें दें, इससे हमें कोई आपत्ति नहीं। लेकिन वो अयोध्या केस को 2019 के लोकसभा चुनाव से कैसे जोड़ सकते हैं?'' मोदी ने सिब्बल की दलीलों को खारिज करने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड का शुक्रिया भी अदा किया।
- अयोध्या केस में पिटीशनर और सुन्नी वक्फ बोर्ड के मेंबर हाजी महबूब के बुधवार को दो बयान सामने आए।
- एक बयान सुबह दिया। कहा- हां, कपिल सिब्बल हमारे वकील हैं। लेकिन, वो एक पॉलिटिकल पार्टी के लीडर भी हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दिया गया उनका बयान गलत है। हम इस मामले का हल जल्द से जल्द चाहते हैं। बता दें कि जिलानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के मेंबर भी हैं।
- शाम को हाजी की राय कुछ अलग नजर आई। उन्होंने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कन्वीनर और इस केस में वकील जफरयाब जिलानी की बात से सहमति जताई। बता दें कि जिलानी ने सिब्बल की सुनवाई 2019 में करने की दलील को सही बताया था।
- हाजी ने कहा- अगर जिलानी साहब, कपिल सिब्बल की बात को सही ठहरा रहे हैं तो मैं उनकी बात से सहमत हूं। इसके आगे कुछ नहीं कहूंगा।
- बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कन्वीनर और इस केस में वकील जफरयाब जिलानी ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि वो मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल की दी गई दलील से सहमत हैं।
- जिलानी ने कहा कि कपिल सिब्बल ने दलील देने से पहले उनसे इस बारे में चर्चा की थी।
- बुधवार शाम सिब्बल ने कहा, “प्रधानमंत्री अक्सर तथ्य जांचे बिना बयान देते हैं। असल में मैंने कभी भी सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड को रिप्रेजेंट नहीं किया। इसके बाद भी उन्होंने मेरी दलील नकारने के लिए वक्फ बोर्ड का शुक्रिया अदा किया।''
- “मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री बयान देने से पहले थोड़ा ध्यान रखें। यह प्रधानमंत्री के ओहदे को शोभा नहीं देता। जहां तक राम मंदिर का सवाल है, मोदीजी, वह तभी बनेगा जब भगवान राम चाहेंगे। हम भगवान में यकीन रखते हैं, आपमें नहीं।''
- “मंदिर आप नहीं बनाने वाले हैं। जब भगवान चाहेंगे तभी मंदिर बनेगा। मंदिर कहां बनेगा, इस बारे में कोर्ट फैसला करेगा।''
- बीजेपी चीफ अमित शाह ने भी ट्वीट किया। शाह ने राम मंदिर मामले पर कांग्रेस के रवैये को शर्मनाक बताया।
- शाह ने कहा- अब तो सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी कह दिया है कि वो सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में दी गई दलील से इत्तेफाक नहीं रखते। यानी ये तय हो गया है कि सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में बतौर कांग्रेस नेता बोल रहे थे। राम मंदिर मंदिर पर कांग्रेस का रुख शर्मनाक है।