सवर्ण समुदाय पर हुई पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ 7 अक्टूबर को धरना पर बैठेंगे भाजपा सांसद

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना : पूरे बिहार में सवर्ण समुदाय पर हुई पुलिसिया बर्बरता और प्रशासनिक अत्याचार के खिलाफ 7 अक्टूबर को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद डॉ0 सी0पी0 गया में धरना देंगे| अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर भाजपा सांसद ने कहा कि 6 सितम्बर 2018 को प्रस्तावित भारत बंद के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में सामान्य वर्ग के लोगों पर पुलिस द्वारा लाठियाँ बर्बरता से बरसाई गई| वही 21 सितंबर को सामान्य वर्ग के नवयुवक एवं बच्चों द्वारा पटना में निकाले गये शांतिपूर्ण मार्च पर भी पुलिस की बर्बर कार्रवाई देखने को मिली। इन घटनाओं को देखकर लगता है कि सवर्ण वर्ग के लोगों को एक साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं हद तो तब हो गई जब दिन और रात में गया जिला के बेलागंज में महिलाओं व नाबालिग बच्चें-बच्चियों  को पुरूष पुलिस द्वारा जबरन घरों में घुसकर जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर गाली-गलौज, मारपीट और दुर्व्यवहार करने के बाद झूठा मुकदमा दर्ज किया गया। कारगील युद्ध के शहीदों के परिजनों को भी नहीं छोड़ा और दुधमुहे बच्चे को माँ के गोद से उठाकर फेंक दिया गया।

कुछ इसी तरह का खौफनाक दृश्य बिहार के नवादा, नालंदा, जहानाबाद, सीतामढ़ी, भोजपुर एवं पटना समेत विभिन्न जिलों में देखने को मिला जो पुलिस की बर्बरता एवं जुल्म को प्रदर्शित करता है। पूर्वाग्रह से ग्रसित ऐसी पुलिसिया तान्डव जो हुआ वह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।

 

डॉ0 सी0पी0 ठाकुर ने कहा कि यह धरना शांतिपूर्ण तरीके से होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के दौरे के क्रम में जब पीड़ित महिलाओं और बच्चों से मिला तो मुझे दुःख के साथ आश्चर्य भी हुआ कि पुलिस उनके साथ इतनी क्रूरता से क्यों पेश आई। एक खास वर्ग का नाम लेकर पुलिस ने जो ज्यादती की है, वह तो अंग्रेजों के समय भी नही हुआ था। पुलिसिया जुल्म का नमूना कई तरीके से देखने को मिले हैं। इसमें निर्दोष छोटे-छोटे बच्चो को बेवजह गिरफ्तार करके उनके उपर झूठे मुकदमे लादे गये। सरकार दोषी पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय अबतक तमाशबीन और मूकदर्शक बनी हुई है| उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध् करने का हक सबको है। प्रदर्शन और मार्च जैसी गतिविधियों को प्रशासन को संवेदनशीलता से लेनी चाहिए अन्यथा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर जब प्रशासनिक क्रूरता हावी हो जाती है तो समाज में सद्भाव की कमी होती है।

डॉ0 ठाकुर ने कहा कि धरना का मुख्य मांग है कि 6 सितम्बर को प्रस्तावित भारत बंद के दौरान जिन लोगों पर झूठा मुकदमा किया गया है वह तत्काल वापस लिया जाए और निर्दोष गिरफ्तार लोगों को अविलम्ब रिहा किया जाए। इसके साथ ही बेलागंज समेत बिहार के विभिन्न जिलों में पुलिसिया तांडव के लिए दोषी पदाधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई की जाए| मानवाधिकार हनन के इस पूरे घटनाक्रम की रिटायर्ड जज की देखरेख में एक उच्च स्तरीय जाँच कराई जाए|

इस अवसर पर भाजपा नेता अरविन्द कुमार, संजीव कुमार मिश्र, अमरेन्द्र ठाकुर शाण्डिल्य, श्यामकिशोर शर्मा, सत्येन्द्र प्रसाद सिंह, जितेन्द्र सिंह मुखिया, श्याम बाबू मस्ताना, शंकर प्रसाद गुप्ता उपस्थित थे।

 


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