पेट्रोल-डीजल सस्ता, आधी राहत फिर सरकार ने छीनी

रिपोर्ट: साभारः

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 25 डॉलर प्रति बैरल के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने की संभावना के बीच सरकारी तेल कंपनियों ने जनता को पेट्रोल व डीजल में ढाई रुपये की राहत दी है। मगर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर आधी राहत सरकार ने फिर छीन ली है। तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 2.42 रुपये और डीजल में 2.25 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। नई कीमतें शुक्रवार आधी रात से लागू हो गई हैं। इससे दिल्ली में पेट्रोल कीमतें 44 माह के निचले स्तर 58.91 रुपये प्रति लीटर पर आ गई हैं। सस्ते होते कच्चे तेल (क्रूड) का फायदा उठाकर खजाना भरने में केंद्र सरकार भी जुटी हुई है। शुक्रवार को ही वित्त मंत्रालय ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्कों में दो-दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो पेट्रोल साढ़े चार रुपये से ज्यादा और डीजल सवा चार रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ होता। केंद्र सरकार नवंबर, 2015 के बाद से चार बार उत्पाद शुल्क बढ़ा चुकी है। पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 7.75 रुपये और डीजल 6.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया जा चुका है। राजकोषीय घाटे को साधने में जुटी राजग सरकार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क वृद्धि के रूप में आसानी से राजस्व बढ़ाने का जरिया मिल गया है। पिछले चार बार की बढ़ोतरी से सरकार को 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल होगा। इससे राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 फीसद पर बनाए रखने में मदद मिलेगी। इससे सरकार पर विनिवेश को लेकर जल्दबाजी में फैसला करने का दबाव भी हटेगा। सूत्रों का कहना है कि अगर क्रूड की कीमतें 35 डॉलर के करीब चली जाती हैं तो दोनों ईंधन उत्पादों पर शुल्क दो-दो रुपये की और बढ़ोतरी तय है।बहरहाल, दिल्ली में पेट्रोल की नई कीमत 58.91 रुपये प्रति लीटर होगी। यह पिछले 44 महीनों का सबसे न्यूनतम स्तर है। डीजल की कीमत अब 48.26 रुपये प्रति लीटर है। क्रूड मूल्यों में गिरावट की वजह से पेट्रोल अगस्त, 2014 के बाद से नौ बार में 14.69 रुपये और डीजल पांच बार में 10.71 रुपये सस्ता किया जा चुका है।25 डॉलर तक जा सकता है क्रूड अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे जाने के बाद इसके और रसातल पर जाने के कयास लगाए जाने लगे हैं। बुधवार को एक ही कारोबारी दिन में कच्चा तेल 10 फीसद तक सस्ता हो गया। इसके बाद तेल बाजार में बेचैनी और बढ़ गई है। रुस की सबसे बड़ी तेल कंपनी लुकऑयल ने कहा है कि अब क्रूड 25 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होने के आसार हैं। सरकार के लिए चालू खाते में घाटे को काबू पाना आसान हो जाएगा। साथ ही देश में पेट्रो उत्पाद और सस्ते हो जाएंगे।


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