पांच राज्यों को एम्स, तो हर गांव को अस्पताल का तोहफा

रिपोर्ट: साभार

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एनडीए सरकार के वित्त वर्ष 2015-16 का पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि अच्छी सेहत व चिकित्सा में सुधार के लिए गांवों और शहरों में पूर्णतया चिकित्सा सुुविधा देना जरूरी है। इसके लिए सभी गांवों में एक अस्पताल खोलने का प्रस्ताव किया। इसके अलावा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई घोषणाएं व प्रस्ताव किये गए। आइए जानते हैं इस बजट से स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में क्या क्या मिला। हर गांव में एक अस्पताल बनाने की योजना आम लोगों के सेहत व स्वास्थ्य में सुधार के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण में सभी गांवों व शहरों में चिकित्सा की सुविधा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सेहत में सुधार के लिए गांवों और शहरों की दूरियों को पाटना होगा। इसके लिए उन्होंने हर गांव में एक अस्पताल खोलने और पांच राज्यों में एम्स जैसे अस्पताल खोलने का प्रस्ताव किया। हेल्थकेयर के लिए 33152 करोड़ रुपए का एलान इस बजट में स्वास्थय सुविधा के मद में 33152 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया है। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में छूट की सीमा बढ़ी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की छूट सीमा को 15 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक किया गया, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये छूट की सीमा 20,000 से बढ़ाकर 30,000 रुपए हजार तक कर दी गई। इसके अलावा 80 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ नागरिक जिनके पास स्वास्थ्य बीमा कवर नहीं है, उन्हें चिकित्सीय व्यय के लिए 30 हजार रुपए की सहायता की अनुमति दी गई। असम, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में एम्स बनाने की योजना स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए लोगों को अपने प्रदेश से बाहर ना जाना पड़े, इसके लिए वित्त मंत्री ने पांच राज्यों में एम्स बनाने की योजना का प्रस्ताव किया। इसके तहत असम, तमिलनाडु, पंजाब , हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में एम्स बनाने की बात कही। 6 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि उनकी सरकार आने वाले सालों में करीब 6 करोड़ शौचालय बनाएगी। इसमें 2014-2015 तक 50 लाख शौचालय बना भी लिए गए हैं।


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