मणिपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट को नेताजी ने भारत की आज़ादी का गेटवे बताया था, उसको अब न्यू इंडिया की विकास गाथा का द्वार बनाने में हम जुटे हुए हैं। पहले की सरकारों ने दिल्ली को आपसे किया दूर करने का काम किया। अटल जी की सरकार में मणिपुर को साथ लेकर चलने का प्रयास किया गया। उन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाने का काम केंद्र की वर्तमान सरकार कर रही है। भारतीय जनता पार्टी नए साल की शुरुआत से ही लोकसभा चुनाव के मोड में नजर आ रही है। साल के पहले दिन पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआइ को इंटरव्यू, फिर गुरदासपुर में रैली और अब असम में रैली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत पूर्वोतर से की है।
केंद्र सरकार का विजन बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'Go To Hills और Go To Village के तहत यहां की राज्य सरकार दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुंच रही है। जनभागीदारी को सरकारी योजनाओं का हिस्सा बनाने के ये प्रयास सराहनीय हैं। यही कारण है कि आज मणिपुर बंद और ब्लॉकेड के दौर से बाहर निकलकर आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटा है। आज ही 400 केवी की सिल्चर इम्फाल लाइऩ को भी राष्ट्र को समर्पित किया है। 700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी ये लाइन पावर कट की समस्या को दूर करेगी। आज शिक्षा, स्किल और स्पोर्ट्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है। धनमंजूरी विश्वविद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट हों, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज से जुड़े प्रोजेक्ट हों, ये सभी युवा साथियों को सुविधा देने वाले हैं। विकास से युक्त, भ्रष्टाचार मुक्त नए भारत के संकल्प के लिए आपका आशीर्वाद मिलता रहे, मिलता रहा है और मिलता रहेगा। हमारा विजन 'सबका साथ सबका विकास' है। हमारी कोशिश है कि कोई भी राज्य या इंसान विकास से अछूता ना रह जाए।'
प्रधानमंत्री ने बताया, 'मणिपुर की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्वॉमबंग के FCI गोडाउन का लोकार्पण आज किया गया। 2016 में इस पर काम शुरु हुआ और हमने इसका काम पूरा करके दिखाया है। समय पर पूरा होने से ज्यादा खर्च से बचे और अनाज स्टोर करने के लिए 10 हज़ार MT अतिरिक्त व्यवस्था का निर्माण भी हो गया। उखरुल और उसके आसपास के हज़ारों परिवारों की पानी की ज़रूरतों को देखते हुए बफर वाटर रिजर्वर पर काम 2015 में शुरु हुआ। ये तैयार भी हो गया है और आज इसका लोकार्पण किया गया। ये प्रोजेक्ट 2035 तक की ज़रूरतों को पूरा करने वाला है। चुराचांदपुर, जोन-थ्री प्रोजेक्ट पर भी 2014 में काम शुरु हुआ और 4 वर्ष बाद आज लोकार्पण भी हो गया है। इससे 2031 तक यहां की आबादी की पानी की ज़रूरतें पूरी होंगी।'
पीएम मोदी ने कहा, 'ऐसे निरंतर प्रयासों की वजह से अलगाव को हमने लगाव में बदल दिया है। आज इन्हीं कोशिशों की वजह से पूरा नॉर्थ ईस्ट परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है। तीस-चालीस साल से अटके हुए प्रोजेक्ट्स पूरे किए जा रहे हैं। आपके जीवन को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है। आज मणिपुर को 125 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का भी उपहार मिला है। ये सिर्फ एक चेक पोस्ट नहीं है दर्जनों सुविधाओँ का केंद्र भी है। दोलाईथाबी बराज की फाइल 1987 में चली थी। निर्माण का काम 1992 में 19 करोड़ की लागत से शुरु हुआ था। 2004 में इसको स्पेशल इक्नॉमिक पैकेज का हिस्सा बनाया गया, लेकिन फिर लटक गया। 2014 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरु हुआ और ये प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद अब बनकर तैयार है।'
उन्होंने कहा कि जिस मणिपुर और नॉर्थ ईस्ट को नेताजी ने भारत की आज़ादी का गेटवे बताया था, उसको अब न्यू इंडिया की विकास गाथा का द्वार बनाने में हम जुटे हुए। जहां से देश को आज़ादी की रोशनी दिखी थी, वहीं से नए भारत की सशक्त तस्वीर आप सभी की आंखों में स्पष्ट दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा, 'मैं खुद बीते साढ़े चार साल में करीब 30 बार नॉर्थ ईस्ट आ चुका हूं। आपसे मिलता हूं, बातें करता हूं तो एक अलग ही सुख मिलता है, अनुभव मिलता है। मुझे अफसर से रिपोर्ट नहीं मांगनी पड़ती, सीधे आप लोगों से मिलती है। ये फर्क है पहले और आज में।'
भारतीय जनता पार्टी के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि असम की यह रैली पीएम मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव प्रचार के पहले चरण का हिस्सा होगी। केवल दस दिन के अंतराल में यह प्रधानमंत्री का दूसरा असम दौरा है। प्रधानमंत्री ने क्रिसमस-डे पर देश के सबसे लंबे रेल सह सड़क पुल 'बोगीबील पुल' का उद्धाटन किया था।
जपा के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत दास ने बताया कि पूर्वोतर के अपने दिनभर के दौरे में पीएम मोदी सबसे पहले मणिपुर जाएंगे, जहां वह एक रैली में विभिन्न परियोजनाओं का उद्धाधन करेंगे और आधारशिला रखेंगे। इसके बाद, उनका सिल्चर क्षेत्र के कालीनगर में एक रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम है।
बता दें कि भाजपा और इसके सहयोगियों ने क्षेत्र के आठ राज्यों की 25 संसदीय सीटों में से 21 पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य बनाया है। असम में उन्हें 14 सीटों में से कम से कम 11 पर जीतने की उम्मीद है। पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा ने असम में 7 सीटें जीती थीं।