20 साल पुरानी गाड़ियों को कबाड़ में बदलने की नीति पर फिर से सलाह लेगी केंद्र सरकार

रिपोर्ट: साभार

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के दिशा-निर्देश के अनुसार 20 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों को कबाड़ में बदलने की प्रस्तावित नीति पर संबंधित पक्षों की एक बार फिर राय ली जायेगी| प्रस्ताव का मकसद एक अप्रैल, 2020 से ऐसे वाहनों को अनिवार्य रूप से कबाड़ में बदलने का रास्ता साफ करना है| 

सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में कहा कि पीएमओ ने हमसे संबंधित पक्षों से एक बार और राय लेने को कहा है| अत: हम संबंधित पक्षों, उद्योग तथा उपभोक्ताओं एवं संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श करेंगे| उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों की राय लेने के बाद उसे मंजूरी के लिए पीएमओ के पास भेजा जायेगा| 

गडकरी ने कहा कि नीति के मंजूर होने के बाद भारत वाहन विनिर्माण का बड़ा केंद्र बन सकता और कबाड़ से इस्पात, एल्यूमीनियम और प्लास्टिक जैसी चीजें प्राप्त होंगी| इनके पुनर्चक्रण से वाहनों की कीमत 20 से 30 फीसदी तक नीचे आयेगी| उन्होंने कहा कि 4.5 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ भारत वाहन उद्योग के लिए एक अग्रणी स्थल है| मुझे लगता है कि इसमें काफी संभावना है| 

उल्लेखनीय है कि सरकार ने मई 2016 में ‘वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण के स्वैच्छिक कार्यक्रम' (वीवीएमपी) का मसौदा जारी किया था| इसमें एक दशक पुराने 2.8 करोड़ वाहनों को सड़क से हटाने का प्रस्ताव किया गया| सचिवों की समिति (सीओएस) ने मंत्रालय को केंद्र की आंशिक भागीदारी एवं राज्यों की बेहतर भागीदारी के लिए योजना फिर से तैयार करने की सिफारिश की|


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