बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम एक क्रान्ति- उपमुख्यमंत्री

रिपोर्ट: Ramesh Pandey


पटना 05 जून: बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के दूसरे वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिकायतों के समाधान के लिए इस तरह का कानून लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक क्रान्ति है। बिहार देश का पहला राज्य है जिसने 2011 में सेवा का अधिकार कानून बनाया और अब शिकायतों के निवारण का कानून बनाया है। 
 

श्री मोदी ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद लोगों को अपनी शिकायतों के समाधान के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है बल्कि एक ही टेबुल पर शिकायतकर्ता, समाधान करने वाला अधिकारी बैठते हैं। केवल शिकायत का समाधान ही नहीं होता है बल्कि उसका कार्यान्वयन भी सुनिश्चित किया जाता है।  यानी एक जगह सुनवाई और कार्रवाई का यह एक अद्भुत प्रयोग है। 


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक उनके कार्यालय में 1805 शिकायतें आई जिनमें से 1305 का लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत निष्पादन किया जा चुका हैं। सभी जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक कार्यकर्ताओं से उन्होंने अपील किया कि जनता की जो भी शिकायतें उन्हें मिलती है उसे लोक शिकायत निवारण केन्द्र पर भेजे ताकि उनका समाधान हो सके। जो अधिकारी अनावश्यक तौर पर लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ देने के लिए वर्षों दौड़ाते रहते हैं जिसके कारण लोगों को लोक शिकायत निवारण केन्द्र पर आना पड़ता है, वैसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

 
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने अधिनियम के प्रचार-प्रसार व जन-जागरूकता के लिए ‘ जन समाधान रथ’ को मुख्यमंत्री के साथ हरी झंडी दिखा कर रवाना किया|


Create Account



Log In Your Account