पीएम मोदी बोले 3 एस बढ़ाएंगे भारत की रफ्तार

रिपोर्ट: साभारः

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अमेरिका के व्यापारिक समूहों के सीईओ को संबोधित करते हुए कहा कि 3 एस भारत की रफ्तार को बढ़ा सकते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम कृषि क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं। अगर हम कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण का उपयोग ज्यादा करें तो हम बेहतर कर सकते हैं। गुजरात मॉडल के तहत हम गुड गवर्नेंस पर जोर देते थे। सिर्फ स्किल डेवलपमेंट होने से काम नहीं चलने वाला है। इसके अलावा हमें स्केल, स्किल और स्पीड पर बहुत ज्यादा ध्यान देना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमने साथ काम करने के लिए जॉइंट वर्किंग ग्रुप बनाया है। भारत में सभी उद्योगों के लिए रास्ते खुले हैं। टूरिज्म के क्षेत्र में हम आगे बढ़ सकते हैं। भारत में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। हम कागजी कार्रवाई की जगह डिजिटिलाइजेशन पर जोर दे रहे हैं। कभी कभार लोगों को लगता है भारत इंपोर्ट करेगा या नहीं। हमारा सबसे पहला टारगेट अपनी क्रय शक्ति को बढ़ाने पर जोर देना होगा। इंफ्रास्ट्रक्टर पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि यूएस भारत में निवेश कर रहा है और भारतीय यूएस में निवेश कर रहा है। इंफ्रास्ट्रक्टचर और कृषि में निवेश से हमारी क्रय शक्ति में ही इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि सुशासन सभी समस्याओं का हल है। उन्होंने निवेश पर काफी जोर दिया। और कहा कि हमें ज्यादा निवेश करने की जरूरत है। ज्यादा निवेश से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी बड़े प्रोजेक्ट्स पर पीएमओ नजर रख रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि आगे भी सीधे बड़े प्रोजेक्ट पर हम नजर रखेंगे। भारत और अमेरिका के बड़े व्यापारिक समूहों के सीईओ शामिल हुए। सीईओ सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा पीएम मोदी के संग पहुंचे। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि किसी देश के विकास को सिर्फ जीडीपी से नहीं आंका जा सकता है। देश के लोगों की जिंदगी और रहने का तौर-तरीका भी बेहतर होना चाहिए। यूएस-भारत सीईओ सम्मेलन में बराक ओबामा ने कहा कि दोनों ही देशों को नई गति, ऊर्जा और उम्मीद के साथ आगे बढ़ना होगा। आपस में दोनों देशों को सहयोग कर कदम बढ़ाना होगा। अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका में रोजगार पैदा हो रहे हैं। बेरोजगारी घट रही है। हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ओबामा ने कहा कि भारत और अमेरिका की तकदीर जुड़ी हुई है। दोनों देश साथ रहकर आगे बढ़ सकते हैं और दुनिया को यह दिखा सकते हैं कि बिजनेस कैसे किया जाता है। रक्षा क्षेत्र में सहयोग देने पर हमारा जोर है। अमेरिका में बनी मशीनरी भारत के इंफ्रास्ट्रक्टर को सुधार और उसको गति दे सकती है। सकती है।


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