प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी महत्वाकांक्षी मुहिम ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का पानीपत से शंखनाद कर दिया। पांच बच्चियों को पासबुक देकर कन्या स्मृद्धि योजना की शुरुआत की गई। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज पानीपत की धरती पर हम बहुत बड़ी जिम्मेदारी की ओर कदम रख रहे हैं। इस सरकार ने क्या किया और क्या नहीं किया, इसके लिए हम यहां जमा नहीं हुए। ये आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है। पानीपत की धरती पर ये अवसर हमें हमारी जिम्मेदारियों का अहसास कराने के लिए है। सरकार हो, गांव हो, परिवार हो, मां-बाप हो, हर किसी की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब तक हम इस समस्या के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे तो हम अपना ही नुकसान करेंगे। ऐसा नहीं है। हम आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ियों के लिए समस्या को निमंत्रण दे रहे हैं। मैं मेनका जी का आभार जताता हूं कि उन्होंने इसके लिए पानीपत की धरती को चुना। भले ही ये कार्यक्रम हरियाणा में है, लेकिन ये संदेश पूरे देश के लिए है। गांव के लिए है, राज्य के लिए है। हम जैसी व्यवस्था बना रहे हैं तो आने वाला समय कैसा होगा। आज अगर समाज में एक हजार बालक पैदा हों तो एक हजार बालिकाएं भी पैदा होनी चाहिए। हरियाणा के जिले देख लीजिए, एक हजार बच्चों के पीछे पौने 8 सौ लड़कियां है। यानि मान लो कि आपके सवा दो सौ लड़के कुंवारे रहने वाले हैं। मैं मां-बाप से पूछना चाहता हूं कि अगर बेटी नहीं होगी तो बहु कहां से लाओगे।