लोक संवाद कार्यक्रम में बोले नीतीश कुमार ई0वी0एम0 से ही चुनाव होने चाहिए

रिपोर्ट: किरण पाण्डेय

 पटना : 1 अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में ‘लोक संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, श्रम संसाधन, ग्रामीण विकास (जीविका), कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन, कला संस्कृति, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, योजना एवं विकास तथा पर्यावरण एवं वन विभाग से संबंधित मामलों पर 06 लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को सुझाव दिया गया।


आयोजित लोक संवाद में पटना के  मुकेश कुमार हिसारिया, मुजफ्फरपुर के दुर्गेश कुमार ठाकुर, भागलपुर के  दीपक कुमार झा, मधुबनी के  भरत भूषण यादव, भागलपुर के  रविकांत घोष एवं मजफ्फरपुर के अस्मित कुमार ने अपने-अपने सुझाव एवं राय मुख्यमंत्री के समक्ष दिये। लोगों से प्राप्त सुझाव एवं उनकी राय पर संबंधित विभाग के प्रधान सचिव/सचिव ने वस्तुस्थिति को स्पष्ट किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव को इस बावत कार्रवाई हेतु निर्देशित किया।

आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न सवर्ण आरक्षण को बिहार में लागू किए जाने के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान संशोधन के द्वारा केंद्रीय सेवाओं में इसे लागू किया गया है। पहले के दिए गए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग के आरक्षण की सीमा को बिना किसी छेड़छाड़ के इसे लागू किया गया है। बिहार राज्य में 10 प्रतिशत सवर्णों के लिए आरक्षण लागू किया जाएगा, इसके लिए कानूनी सलाह ली जा रही है कि इसे एक्ट बनाकर लागू किया जाए या एक्जक्यूटिव ऑर्डर के द्वारा ही लागू किया जा सकता है। कोलकाता में रैली, उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन, बिहार में महागठबंधन की आपसी सीट शेयरिंग से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पार्टियों को अपने-अपने हिसाब से रैली, कार्यक्रम करने का अधिकार है। चुनाव में अंतिम निर्णय जनता को करना है। एन0डी0ए0 में सीट शेयरिंग को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी के अंत तक इन सब चीजों पर आपको जानकारी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा के साथ हमलोग अच्छी तरह से सरकार चला रहे हैं। भाजपा-लोजपा-जदयू तीनों साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव पूरी मजबूती से लडेंगे और बेहतर परिणाम भी आयेंगे। 
सिटीजन एमेडमेंट बिल-2016 से संबंधित प्रश्न के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि असम गण परिषद का डेलिगेशन हमसे कुछ दिन पहले मिला था। इस मामले में गृह मंत्री को हमने अपनी बातों से अवगत करा दिया है। हमलोगों का मानना है कि असम के लोगों की अपनी पहचान है, उस पर असर नहीं पड़ना चाहिए, उनकी भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। ट्रिपल तलाक से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी खास तबके से संबंधित इस मुद्दे के लिए इंटरफेरेंश करने की बजाए उससे इन्टेरैक्ट करना चाहिए। मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही इन कमियों को दूर करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कोई प्रथा अगर उपयुक्त नहीं है तो उसके लिए समाज को प्रेरित करने की जरूरत है। कानून से परंपरा में हस्तक्षेप करने की जरुरत नहीं है।


मुख्यमंत्री ने मॉब लिंचिंग से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इसे ठीक से आकलन एवं अध्ययन करने की जरुरत है। इन सब चीजों की हकीकत कुछ और ही होती है। रात में चोरी में पकड़े जाने वाले अपराधी की गांव की भीड़ हत्या करती है तो इसका मोटिव कुछ और होता है। कायर प्रवृति के लोग ही ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसके लिए सोशल कैंपेन चलाने की जरुरत है, यह लॉ एंड ऑर्डर का प्रॉब्लम नहीं है।


मुख्यमंत्री ने कैमूर में दलित लड़की से संबंधित प्रश्न का जवाब देने के लिए पुलिस महानिदेशक को अधिकृत किया। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि यह रामगढ़ थाने का मामला है जिसमें सुसाइड की कोशिश की गई, रेप और मर्डर की पुष्टि नहीं हुई है। इनके परिवार वालों ने किसी को दोष नहीं दिया है। इस घटना में लड़की का पोस्टमार्टम वाराणसी में हुआ है, रिपोर्ट भी आने वाली है। इसकी राजनीतिक मंशा भी सामने आ रही है। कुछ लोगों द्वारा जान बूझकर भीड़ एकत्रित कर थाने का घेराव किया गया, जिसमें पुलिस पदाधिकारी भी घायल हुए। बच्चों को समय पर किताब उपलब्ध नहीं होने के प्रश्न का जवाब देने के लिए अपर मुख्य सचिव, शिक्षा को मुख्यमंत्री ने अधिकृत किया, जिसका जवाब देते हुए अपर मुख्य सचिव शिक्षा ने बताया कि बच्चों को किताब के लिए पैसे उनके खाते में भेजे जा रहे हंै। उस पैसे से वो अपनी किताब खरीद सकेंगे। पहले इस कार्य में विलंब हुआ लेकिन इस बार फरवरी-मार्च तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा और बच्चों को समय पर किताब खरीदने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। 


वर्ष 2021 में जाति आधारित जनगणना से संबंधित प्रश्न के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए, यह अच्छी बात होगी। वर्ष 1931 में अंतिम बार जाति आधारित जनगणना हुई थी, उसके बाद से यह नहीं हुई है। आबादी के अनुरुप अगर लोगों को आरक्षण लेने का निर्णय किया जाता है तो यह भी अच्छा होगा। जो तबका आरक्षण से वंचित रहता है वो भी सामने आएगा। ई0वी0एम0 से चुनाव कराए जाने से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इससे सहमत हूं कि ई0वी0एम0 से चुनाव होने चाहिए। प्रत्येक बूथ पर वीवीपैट का इंतजाम हो। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त को हमलोगों ने यह सुझाव दिया है कि मतदाता पर्ची हर घर में पहुॅचने की व्यवस्था सुनिष्चित हो। परिवार को पर्ची सौंपकर उससे रिसिविंग भी लेने की व्यवस्था करें। इससे मतदाता अपनी पर्ची लेकर आसानी से मतदान कर सकेंगे। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्वदलीय मांग है, इस पर विचार होना चाहिए।
 


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