पिछले तीन दशक में भारतीय वायुसेना के सबसे बड़े अभ्यास ‘गगन शक्ति-2018’ में पिछले तीन दिनों के अंदर करीब 1100 विमानों ने हिस्सा लिया। पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के साथ एयर कॉम्बैट ऑपरेशन में इजाफा करते हुए पिछले हफ्ते केवल तीन दिनों के अंदर भारत के 5,000 फाइटर जेट्स ने उड़ान भरी थी। भारतीय वायु सेना अब फाइटर जेट्स को अरुणाचल प्रदेश की चीन और लद्दाख से लगी पूर्वी सीमाओं पर शिफ्ट कर रहा है ताकि इससे वहां ताकत बढ़ाई जा सके। यह अभ्यास दो तरफा युद्ध के चलते नहीं बल्कि गगन शक्ति अभ्यास के तहत किया गया।एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- यह साल 1986-1987 के ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और साल 2001-2002 में ऑपरेशन पराक्रम के बाद हुआ अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास है। उस समय भारत संसद पर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध करने के लिए लगभग तैयार हो गया था। पाकिस्तान और चीन सीमा पर संभावित खतरे से निपटने के लिए कम से कम 42 फाइटर स्क्वाड्रोन्स की जरूरत है, लेकिन अभी भी भारतीय खेमे में केवल 31 है। इसके बावजूद भी वायु सेना इस अभ्यास की मदद से खुद को तैयार कर रही है।
पिछले तीन दशक में भारतीय वायुसेना के सबसे बड़े अभ्यास ‘गगन शक्ति-2018’ में पिछले तीन दिनों के अंदर करीब 1100 विमानों ने हिस्सा लिया। जिनमें करीब आधा लड़ाकू विमान थे। वायुसेनाध्यक्ष बी.एस. धनोवा ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान बेहद करीब से इस ऑपरेशन पर नज़र रख रहा था जो “आसमान को हिला रहा है और धरती को चीर रहा है।”
भारतीय वायुसेना का युद्धाभ्यास ‘गगन शक्ति 2018’ पिछले एक सप्ताह से पश्चिमी क्षेत्र में जारी है। पैराशुट ब्रिगेड की बटालियन के साथ वायुसेना ने आकाश से दुश्मन की धरती पर निशाना साधने का अभ्यास किया। वहीं पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्थित कलाईकुंडा एयरबेस से उड़े सुखाई 30 लड़ाकू विमानों ने भी दुश्मन को नेस्तेनाबूत करने का दम दिखाया। इस दौरान लक्षद्वीप तक की उड़ान के दौरान दो बार आकाश में ही सुखोई से सुखोई में ईंधन भरा गया।