गुजरात में हुए कथित ‘बिटक्वाइन घोटाले’ की जांच कोर्ट की निगरानी में हो : शक्ति सिंह गोहिल

रिपोर्ट: साभार

कांग्रेस पार्टी ने नोटबंदी के बाद गुजरात में हुए ‘हजारों करोड़ रुपये के कथित बिटक्वाइन घोटाले की न्यायिक जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की है। पार्टी नेता शक्ति सिंह गोहिल ने यह भी दावा किया है कि इस कथित ‘घोटाले’ में भाजपा के नेताओं की संलिप्तता की बात सामने आ रही है। यही वजह है कि इस मामले में सरकारी एजेंसियों से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती।गुरुवार को एक प्रेसवार्ता में गुजरात से जुड़े कांग्रेसी नेता गोहिल ने कहा, कुछ माह पहले एक व्यक्ति की शिकायत पर गुजरात पुलिस की सीआईडी (अपराध) शाखा ने इस मामले का खुलासा किया था। प्रारम्भिक जांच में सामने आया था कि इस मामले में बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद किया गया है। गोहिल का आरोप है कि  ‘बिटक्वाइन घोटाला’ भाजपा सरकार के आशीर्वाद से चल रहा था। 

नोटबंदी भाजपा नेताओं के लिए बहुत बड़ा जैकपॉट लेकर आई थी। अगर गुजरात सीआईडी की मानी जाए तो यह घोटाला पाँच हजार करोड़ रुपये का है, जबकि कुछ अखबारों और ब्लॉगरों का कहना है कि घोटाले की रकम 88000 करोड़ रुपये तक जा पहुँची है।

उन्होंने दावा किया है कि इस मामले में बिटक्वाइन रखने वाले लोगों से सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कर पैसे वसूले गए। चूंकि बिटक्वाइन रखना गैरकानूनी है, इसलिए बहुत से लोगों ने इस बाबत शिकायत भी नहीं की।किसी एक व्यक्ति की शिकायत पर यह पूरा मामला सामने आया।

गोहिल ने सवाल करते हुए कहा कि कर्नाटक चुनाव के दौरान भाजपा की केंद्र सरकार ने हमारे नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल किया था।जब गुजरात में इतना बड़ा घोटाला चल रहा था तब सीबीआई और ईडी को कुछ नजर नहीं आया।


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