राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संसद में पास हुए ओबीसी संशोधन बिल को हरी झंडी मिलने के बाद अब यह बिल कानून बन गया है| ओबीसी संशोधन कानून लागू होने के बाद अब राज्य ओबीसी जातियों की लिस्ट तैयार कर सकेंगे|
गौरतलब है कि बीते 11 अगस्त को संसद में ओबीसी संशोधन बिल पास किया गया था| लोक सभा में 10 अगस्त को अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित 127वां संविधान संशोधन बिल दो तिहाई बहुमत से पारित हुआ था|
मोदी सरकार के इस बिल का कांग्रेस, सपा, बीएसपी सहित पूरे विपक्ष ने समर्थन किया था| बिल को लेकर हुए मत विभाजन के दौरान इसके पक्ष में कुल 385 सदस्यों ने वोट दिया था, जबकि खिलाफ में एक भी वोट नहीं पड़ा था| राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद ओबीसी संशोधन बिल कानून बन गया है| अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिलेगा| अभी तक यह अधिकार केंद्र के पास है|
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मई में आरक्षण पर पुर्नविचार से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई करने की मांग खारिज करते हुए कहा था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद ओबीसी की लिस्ट बनाने का अधिकार राज्यों के पास नहीं, बल्कि केंद्र के पास है| इसके बाद केंद्र सरकार ने ओबीसी लिस्ट तय करने का अधिकार राज्यों को देने के लिए 127वां संविधान संशोधन विधेयक लाने की पहल की|