पेगासस जासूसी मामले में SC ने सरकार को लगाई फटकार, फैसला रखा सुरक्षित

रिपोर्ट: शिलनिधि

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में पेगासस जासूसी मामले में अदालत की निगरानी में SIT जांच की याचिकाओं पर सुनवाई हुई| फ़िलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है और अगले दो से तीन दिन में फैसला सुनाया जा सकता है| कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील तुषार मेहता से कहा कि दो-तीन दिनों के भीतर अगर सरकार के रुख में कोई बदलाव होता है तो वह उसे अदालत में मेंशन कर सकते हैं|

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाने का जोखिम नहीं उठा सकती क्योकि नागरिकों की निजता की रक्षा करना भी सरकार की प्राथमिकता है| इंटरसेप्शन किसी तरह गैर कानूनी नहीं है| इन सबकी जांच एक विशेषण समिति से कराने दें| इन डोमेन विशेषज्ञों का सरकार से कोई संबंध नहीं होगा| उनकी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट के पास आएगी|

तुषार मेहता ने कहा कि लोगों ने निजता के उल्लंघन का आरोप लगाया है| यह गंभीर मसला है और हम जांच के लिए तैयार हैं| कमेटी ऑफ एक्सपर्ट जांच करेगी| आईटी मंत्री ने कहा था कि हमारी मजबूत जांच और संतुलन प्रणाली के भीतर किसी भी प्रकार की अवैध निगरानी संभव नहीं है| हम विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं कर रहे हैं|

वहीं सीजेआई ने कहा कि आपने पिछली सुनवाई में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा था और अब आप दूसरी बात कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि हम फिर दोहरा रहे हैं कि सुरक्षा या रक्षा से जुड़े मामलों को जानने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है| हम केवल चिंतित हैं, यह जानने के लिए कि क्या सरकार ने कानून के तहत स्वीकार्य के अलावा किसी अन्य तरीके का इस्तेमाल किया है? 'हमने कहा था कि संवेदनशील जानकारी हलफनामे में न लिखी जाए| बस ये सवाल पूछा था कि क्या जासूसी हुई, क्या सरकार की इजाजत से ऐसा हुआ?' आरोप है कि इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए कुछ खास लोगों की कथित तौर पर जासूसी की गई| 

CJI एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल से कहा, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार का रुख जानने के लिए विस्तृत हलफनामा दायर करने का एक उचित अवसर दिया है| जब सरकार ऐसा नहीं करेगी, तब सुप्रीम कोर्ट पक्षकारों को सुनेगा और उचित आदेश पारित करेगा|

 


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