नेपाल में मृतकों की संख्या 6000 के पार, पीएम कोइराला पर फूटा लोगों का गुस्सा

रिपोर्ट: साभारः

काठमांडो: नेपाल में विनाशकारी भूकंप आने के चार दिन बाद खानेपीने के सामान और पेयजल के लिए मशक्कत कर रहे लोग सडकों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला को राहत शिविरों में लोगों के विरोध का सामना करना पडा. भूकंप से अब तक 6000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. जब प्रधानमंत्री राहत कार्यों का जायजा लेने शिविरों में पहुंचे तो लोगों ने अपना गुस्सा उनके सामने निकाला और शिकायत की कि उन्हें कोई सहायता नहीं मिल रही. कोइराला ने लोगों से कहा कि वह खुद नेपाल के सामने मौजूद कठिन हालात को देखने आये हैं और उन्हें जल्द से जल्द मदद पहुंचेगी. भूकंप के कारण विस्थापित हुए हजारों लोगों को खुले आकाश के नीचे ही समय बिताने के लिए विवश होना पड रहा है क्योंकि उनके मकान या तो टूट गए हैं या लगभग टूटने के कगार पर हैं. नाराज लोगों ने पुलिस के साथ संघर्ष किया और पानी की बोतलें तथा अन्य जरुरी सामान की छीनाझपटी हुई. यहां मुख्य बस स्टेशन पर भी लोगों का गुस्सा देखने को मिला जहां भूकंप पीडित काठमांडो से बाहर जाने के लिए आये थे लेकिन बसें नहीं पहुंची जिसका उनसे वादा किया गया था. हालात को काबू में करने के लिए पहुंची दंगा पुलिस और नाराज भीड के बीच झडप हो गयी. उप प्रधानमंत्री बामदेव गौतम ने बताया कि शनिवार को 7.9 तीव्रता के भूकंप के बाद ढह गये घरों और इमारतों के मलबे से अब तक 6000 से अधिक शवों को निकाल लिया गया है. कल प्रधानमंत्री कोइराला ने कहा था कि मृतक संख्या 10000 पहुंच सकती है क्योंकि प्रभावित सुदूर गांवों से अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है. पिछले 80 साल में आये सबसे भयावह भूकंप में 11000 से ज्यादा लोग घायल हो गये हैं.


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