भारत, दक्षिण कोरिया के बीच हुए सात समझौतों पर हस्ताक्षर, मोदी ने कहा - शुरू होगी \'कोरिया प्लस\' व्यवस्था

रिपोर्ट: साभार

सोल : भारत और दक्षिण कोरिया ने अपने संबंधों का स्तर बढा कर उसे विशेष रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर ले जाने तथा रक्षा क्षेत्र में सहयोग को प्रगाढ बनाने पर आज सहमति जतायी. दोनों देशों ने दोहरे कराधान से बचाव समेत सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये. अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में मंगोलिया से यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई के साथ राष्ट्रपति भवन चेओंग वाई देई में विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. राष्ट्रपति पार्क के साथ बातचीत के बाद मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम द्विपक्षीय संबंधों को उन्नत बनाकर इसे विशेष रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर ले जाने को सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा, हमने संबंधों की ऐसी आधारशिला रखी है जो दो साझा मूल्य वाले प्रमुख एशियाई देशों के बीच होनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि आज जो निर्णय किये गये, वे इस बात को प्रतिबिंबित करते है कि दोनों देश संबंधों की नई व्यवस्था को कितनी गंभीरता से रहे हैं. प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत अपने आर्थिक आधुनिकीकरण में दक्षिण कोरिया को महत्वपूर्ण सहयोगी मानता है. उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया भारत में वैश्विक स्तर का विनिर्माण क्षेत्र विकसित करने के प्रयासों में प्रमुख सहयोगी हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारे संबंधों की शुरुआत मजबूत आर्थिक संबंधों पर बल के साथ हुई थी. अब यह अपने विषयों के साथ रणनीतिक हो गया है. उन्होंने कहा कि जापान के बाद दक्षिण कोरिया दूसरा देश है जिसके साथ भारत की राजनयिक और सुरक्षा वार्ता 2 और 2 के प्रतिरुप में होगी. उनका तात्पर्य दोनों पक्षों के बीच विदेश और रक्षा मंत्रियों के स्तर की नियमित वार्ताओं की व्यवस्था से था. मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच नियमित सहयोगा होगा. साथ ही दोनों देश अपने सशस्त्र बलों के बीच सहयोग बढाने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा, हम चाहते है कि रक्षा प्रौद्योगिकी तथा भारत में रक्षा उपकरणों के विनिर्माण के क्षेत्र में हमारा सहयोग बढे. यह क्षेत्र भारत में व्यापक अवसरों की पेशकश करता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के रक्षा क्षेत्र में कोरियाई कंपनियों की भागीदारी के बारे में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति का जवाब सकारात्मक रहा है. अपनी यात्रा को बेहद अहम बताते हुए उन्होंने कहा कि वह ऐसे समय में दक्षिण कोरिया में हैं जब भारतीय अर्थव्यवस्था में एक नयी गति आयी है. उन्होंने कहा, हम आर्थिक आधुनिकीकरण के व्यापक कार्यक्रम को आगे बढा रहे हैं जिसमें हमारी अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र और नीतियों की तमाम बातें एवं प्रक्रियाएं शामिल हैं. दोनों पक्षों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षत किये. इसमें दोहरे कर से बचाव और आय पर करों के सदंर्भ में कर चोरी निरोधक संधि, दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच एमओयू (सहमति पत्र), जहाजरानी एवं परिवहन पर एमओयू शामिल हैं. मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार का स्तर (2013 में 17.57 अरब डालर) संभावनाओं से काफी कम है. उन्होंने कहा कि वह और राष्ट्रपति पार्क व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते और अन्य बाजार पहुंच संबंधित मुद्दों की समीक्षा पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा, हमने आर्थिक संबंधों पर व्यापार चर्चा की और राष्ट्रपति पार्क से यह कहा कि भारत द्विपक्षीय व्यापार में संतुलित और व्यापक वृद्धि देखने की इच्छा रखता है. मोदी ने कहा कि दक्षिण कोरिया के कई ब्रांड भारतीय घारों में लोकप्रिय हैं और कोरियाई कंपनियां भारत में काफी सफल हैं. उन्होंने कहा, राष्ट्रपति पार्क और मैं हमारे \'मेक इन इंडिया\' मिशन में कोरियाई कंपनियों की भागीदारी के लिये बडे अवसर के रुप में देखते हैं. उन्होंने एलएनजी टैंकर समेत जहाज निर्माण के अलावा रक्षा उपकरण जैसे क्षेत्रों में कोरियाई निवेश का न्यौता दिया. मोदी ने कहा, हम एक अलग व्यवस्था - कोरिया प्लस - स्थापित करेंगे ताकि भारत में कोरियायी कंपनियो के लिए निवेश एवं कारोबार का परिचालन करना सुगम हो. दोनों नेताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सार्थक बातचीत हुई.


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