पटना : असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए राजद के नये प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को नसीहत दी है| उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा दिए गये नारे- ‘भूरा बाल साफ़ करो’ और ‘पोथी-पतरा जलाओं’ आज भी बिहार की जनता के जेहन में है, इसे जगदानंद सिंह को भी भूलना नहीं चाहिए| पूरे बिहार को जातीय हिंसा की आग में झोक 15 वर्षों तक एकछत्र राज करनेवाले पति-पत्नी के कुशासन की याद आतें ही लोग भयभीत हो जाते हैं|
श्री यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के अस्तित्व को मिटने से अब कोई भी ताकत रोक नहीं सकता है| स्थापना काल से ही सत्ता, स्वार्थ और परिवारवाद में उलझी राष्ट्रीय जनता दल एक परिवार की पार्टी बनकर रही है ऐसी स्थिति में जब परिवार में ही टूट है तो फिर पार्टी को कोई कैसे एकजुट कर सकता है? समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी से राजद पूरी तरह से खंड-खंड हो चुकी है| गौरतलब है कि लालू-राबड़ी (पति-पत्नी राज) शासन में 1990 से 2005 के बिहार के हालात पर गौर करे तो बिहार में राजनीति का अपराधीकरण, घोटालों की बाढ़, मातहत अधिकारियों के खिलाफ मंत्रियों की साजिश, विकास में फिसड्डी, गैंगस्टर, जाति की राजनीति, तबादला और अपहरण एक उद्योग का रूप धारण कर लिया जिससे बिहार की धरती खून से लाल हुई थी|
ललन यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रतीक पुरुष के रूप में लालू यादव को देखा जाता है। लेकिन दलित, वंचित और कमजोर वर्ग के लोगों को आवाज देने का ढोंग रच जातीय राजनीति के जरिये अपनी सियासी स्वार्थ पूरा करने के लिए लालू प्रसाद ने उच्च जातियों पर जुल्म किए| उन्होंने कहा कि सार्वजनिक मंच से लालू प्रसाद भी ‘भूरा बाल साफ़ करो’ का नारा लालू प्रसाद दिया करते थे जिसका तात्पर्य है : भू – भूमिहार, रा – राजपूत, बा – ब्राह्मण, ल – लाला| बिहार का चप्पा-चप्पा अपहरण, हत्या, बलात्कार, चोरी, डकैती, रंगदारी, भ्रष्टाचार आदि की घटनाओं से लबरेज था। श्री यादव ने नसीहत भरे स्वर में कहा कि पेंशन की उम्र में जगदानंद सिंह को टेंशन नहीं लेना चाहिए, क्योकि लालू-राबड़ी राज में हुई बिहार की बदनामी और जनता की दुर्गति को इस प्रदेश की आवाम कभी भूल नहीं सकती है| जगदानंद सिंह को भी 1990 से 2005 के बिहार को कभी भूलना नहीं चाहिए|