25 सितम्बर को पटना से पैगाम-ए-खीर कार्यक्रम की शुरुआत कर गाँव-गाँव तक पहुंचेगी रालोसपा

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना 31 अगस्त : रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा अपनी 'खीर पॉलिटिक्स' को अब गांव-गांव तक ले जायेंगे|  उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग के योगदान से बननेवाली 'खीर' का संदेश गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए हर जिले में 'पैगाम-ए-खीर' कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा| कृष्ण वंशियों के दूध और कुश वंशियों के चावल से बनी इस 'खीर' को खिलाने के लिए मुसलमान भाइयों का विशेष दस्तारखान सजेगा, जहां सभी वर्ग के लोग बैठ कर इसका स्वाद चखेंगे| खीर को मीठा करने के लिए ब्राह्मण या बह्मर्षि भाइयों की चीनी और पवित्र करने के लिए दलित भाई के हाथ से तुलसी का पत्ता भी डलवाया जायेगा|

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए के अंदर ही कुछ लोग ऐसे हैं, जो दोबारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना नहीं चाहते हैं| ऐसे लोग सीट बंटवारे को लेकर भ्रम फैलाने में जुटे हैं जबकि हकीकत यह है कि अभी तक  सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई है और न ही इसको लेकर किसी प्रकार का विवाद है|  महागठबंधन में पांच सीट के साथ आमंत्रण के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम खीर बनानेवाले लोग हैं, ख्याली पुलाव नहीं पकाते| उन्होंने कहा कि नीतीश जी के आने के बाद एनडीए ताकतवर हुआ है| गरीब सवर्णों के आरक्षण के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि वंचित जिस रूप में हों, उनको हक मिलना चाहिए| हालांकि, यह कैसे हो, यह विमर्श का विषय है| उन्होंने कहा कि 'पैगाम-ए-खीर' कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में बराबरी और भाईचारा का संदेश देना है| इसकी शुरुआत 25 सितंबर को पटना से होगी|

 


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