मुख्यमंत्री ने ‘सुलभ संपर्कता’ योजना के मद्देनजर अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 के अंतर्गत सुशासन के कार्यक्रम ‘सुलभ संपर्कता’ योजना की समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पथों का रखरखाव विभाग के माध्यम से ही हो। विभाग के इंजीनियरिंग विंग के लोग इस कार्य को बेहतर ढंग से करेंगे, जिससे सड़कों की गुणवत्ता बनी रहेगी। स्मूथ ट्रैफिक, लोगों की सुरक्षा एवं हित को ध्यान में रखते हुए रेलवेलाइनों पर आर0ओ0बी0 (रोड ओवरब्रिज) के निर्माण कार्य तेजी से कराया जाय।

पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने ‘सुलभ संपर्कता’ योजना से संबंधित अपने प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में शहरी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार बाईपास अथवा फ्लाईओवरों के निर्माण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। राज्य के सभी 38 जिलों में पथवार अध्ययन कर जाम लगने वाले स्थानों का चयन, जिलावार अनुशंसित बाईपासों की संख्या तथा उनकी कुल लंबाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि ग्रामीण कार्य विभाग तथा नगर निकायों के वैसे पथों को भी चिन्हित किया गया है, जिन्हें बाईपास के रुप में विकसित किया जा सकेगा। अपर मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने पथ निर्माण विभाग से संबंधित प्रस्तावित एम्स-नौबतपुर की सहायक टू-लेन सड़क का निर्माण, ओ0पी0आर0एम0सी0-2 (आउटपुट एण्ड परफॉरमेंस बेस्ड रोड एसेट्स मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट), रोड ओवरब्रिज (आर0ओ0बी0), प्रस्तावित दानापुर कैंट बाईपास एवं पथ निर्माण विभाग के अन्य कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुलभ संपर्कता हेतु शहरी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार बाईपासों एवं फ्लाईओवरों के निर्माण के लिए कार्ययोजना बनाकर तेजी से काम करें। शहर के अंदर भी फ्लाईओवर के निर्माण के लिए आकलन कर उस पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि इससे यातायात सुगम होगा और लोगों को जाम से निजात मिलेगा। साथ ही समय की भी बचत होगी। बाईपास पथों के चयन में इस बात का ध्यान रखें कि भूमि अधिग्रहण कम से कम हो। 

 


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