बच्चों को एक खतरनाक बीमारीयो से बचाने के लिए महाभियान शुरू

रिपोर्ट: सुसंत पाठक

शंखनाद डेस्क : बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र सरकार ने खसरा और रूबेला जैसी गंभीर के लिए महाअभियान की शुरुआत की है। पोलियो मुक्त भारत की तरह भारत सरकार अब खसरा मुक्त भारत के लक्ष्य पर काम कर रही है। 2020 तक भारत को खसरा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शुरु हुए इस महाअभियान के तहत खसरा के संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए मिजिल्स-रुबेला का टीका लगाया जा रहा है। फ्री में लगाए जा रहे इस टीकाकरण अभियान को युद्धस्तर पर देशभर में शुरू किया गया है। 

देशभर में 41 करोड़ बच्चे को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य
डब्ल्यूएचओ के 10 दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों के साथ मिलकर भारत इस कार्यक्रम के माध्यम से 2020 तक खसरा को खत्म करने और रूबेला /जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) को नियंत्रित करने की योजना पर काम कर रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से देशभर में युद्धस्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है और इसमें लगभग 41 करोड़ बच्चे को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

नोएडा : छह लाख बच्चे को टीका लगाने का लक्ष्य 
स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को मीसल्स-रूबेला के लिए केंद्र सरकार के मुक्त टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) जिले के छह लाख से ज्यादा बच्चे का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है। जिले के 193 विभिन्न जगहों पर टीकाकरण केंद्र खोले गए हैं।मिजिल्स-रुबेला की वैक्सीन सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों, मदरसों, आगनबाड़ी केंद्रों पर नि:शुल्क लगाई जा रही है।

प्रयागराज: 11 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य
मिजिल्स-रुबेला टीकाकरण अभियान के तहत नौ माह से 15 साल तक के प्रत्येक बच्चे का टीकाकरण होना है। इसके तहत यूपी के प्रयागराज (इलाहाबाद) जिले में 11 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य तय किया गया है। खसरा जानलेवा भी हो जाता है, ऐसे में टीके जरूरी हैं। टीकाकरण अभियान संचालन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को जिम्मा दिया गया है। इनको आपस में समन्वय स्थापित करके प्रत्येक विद्यालय में कैंप लगाकर टीकाकरण अनिवार्य रूप से कराने को कहा गया है।

सुल्तानपुर: लगभग 44 हजार बच्चों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य
यूपी के सुल्तानपुर जिले में भी खतरनाक रोग खसरा व रूबेला से बच्चों को बचाने लिए टीकाकरण हो रहा है। यहां नौ से 15 वर्ष के नौ लाख 44 हजार 168 बच्चों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आनंद किशोर ने बताया कि पहले दिन के लिए तय लक्ष्य के सापेक्ष 76 फीसद टीकाकरण हुआ। इसे चार चरणों चलाया जाना है।

मुंबई: 30 लाख बच्चों का होगा टीकाकरण 
मुंबई में 30 लाख बच्चों को खसरा और रूबेला का टीका लगाया जाएगा। शुरुआत में चार से पांच सप्ताह तक मुंबई के 4 हजार 56 स्कूलों के लगभग 20 लाख विद्यार्थियों का टीकाकरण किया जाएगा। उसके बाद 9 हजार 632 सामाजिक जगहों पर लगभग 10 लाख बच्चों को टीका दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 2017 में मुंबई में 23 क्षेत्रों में खसरा और तीन क्षेत्र में रूबेला का असर देखने को मिला था। फिलहाल 37 क्षेत्र में खसरे का और एक क्षेत्र में रूबेला का प्रकोप देखने को मिला है।

क्या हैं खसरा व रूबेला

  • खसरा को आम तौर पर छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। यह अत्यधिक संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है। इसमें निमोनिया, डायरिया व दिमागी बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते, तेज बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखें लाल होना मर्ज के लक्षण हैं।
  • रूबेला गर्भावस्था के दौरान होने वाला संक्रमण है। यह नवजात शिशुओं के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। संक्रमित माता से जन्मे शिशु को ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, बहरापन, मंद बुद्धि व दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। रूबेला से गर्भपात, समय पूर्व प्रसव व गर्भ में बच्चे की मौत भी हो सकती है।


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