जान भी ले सकती है भूलने की एक दुर्लभ बीमारी

रिपोर्ट: स्नेह पण्डे

शंखनाद डेस्क:आपको जानकर हैरानी होगी कि भूलने की एक दुर्लभ बीमारी जान भी ले सकती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि डीएनए में उत्परिवर्तन से गर्भधारण के दौरान महिला को होने वाली यह बीमारी बहुत खतरनाक है।

यह बीमारी डिमेंशिया का एक प्रकार है। डेनमार्क की एक महिला के पति की मौत क्रूट्सफेल्ड-जेकब रोग (दिमाग की काम करने की क्षमता को कम करने वाला रोग) से हो गई थी। गर्भधारण के दौरान उसके पति के इस रोग का जीन भ्रूण में पहुंच गया। इससे भ्रूण के डीएनए में उत्परिवर्तन हो गया। उत्परिवर्तन के बाद भ्रूण से निकला एक जहरीला प्रोटीन प्लेसेंटा के जरिये महिला के दिमाग तक पहुंच गया। शोधकर्ताओं ने कहा, यह प्रोटीन धीरे-धीरे मस्तिष्क कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। यह घातक स्थिति अपरिवर्तनीय मस्तिष्क क्षति का कारण बनती है, जो महिला की मौत का कारण बनी।

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कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में डेनमार्क के मरीजों पर अध्ययन के दौरान इस घातक बीमारी का खुलासा हुआ है। 85 प्रतिशत मामले डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) के होते है। इसमें से 10-15 प्रतिशत लोगों में आनुवांशिक कारणों से यह बीमारी होती है। एक प्रतिशत से भी कम घटनाओं में क्रूट्सफेल्ड-जेकब रोग की पहचान की गई। दरअसल क्रूट्सफेल्ड-जेकब रोग से पीड़ित गाय से यह रोग इनसान में फैलता है। जब कोई व्यक्ति इस रोग के शिकार जानवरों का मांस खाता है, जो यह बीमारी इनसान में पहुंच जाती है। लंदन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के मुताबिक, ब्रिटेन में हर साल दस साल लोगों में से एक को यह बीमारी होती है। गंदे रह गए सर्जरी के उपकरणों से भी ऑपरेशन के दौरान यह बीमारी हो सकती है

 


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