अवसरवादिता की राजनीति करने में माहिर है लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी : ललन यादव

रिपोर्ट: शिलनिधि

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने से पहले ही महागठबंधन के अंदर बिखराव शुरू हो चुका है| यह वक्तव्य देते हुए असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने लालू प्रसाद पर अवसरवादिता की राजनीति करने का आरोप लगाया है| उन्होंने कहा कि अवसरवादिता की राजनीति करने में माहिर लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी, राज्यसभा में अपने ही दो नेताओं का नामांकन कराकर कांग्रेस को बिहार की राजनीति में न सिर्फ उसकी औकात दिखाई है बल्कि बिहार कांग्रेस प्रभारी की चिट्ठी को भी झुठला दिया है| प्रारंभ से ही राष्ट्रीय जनता दल सत्ता और स्वार्थ सिद्धि के लिए यूज़ एंड थ्रो की रणनीति पर काम करती रही है जिसका जीता-जागता उदाहरण कांग्रेस है| श्री यादव ने कहा कि सहयोगी दलों से सियासी लाभ लेकर उन्हें बीच मंझधार में छोड़ना राजद की सियासी पॉलिसी है| इतिहास गवाह है कि जो भी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से जुड़ी वह गर्त में पहुंच गयी| बिहार में आज वही हाल कांग्रेस पार्टी की है| करीब सात दशक तक देश पर और कुछ दशक पहले तक बिहार में राज करनेवाली कांग्रेस पार्टी, अब राजद का पिछलग्गू बनने को विवश है|

ललन यादव ने कहा कि राज्यसभा नामांकन में अनदेखी किये जाने से एक तरफ जहां बिहार कांग्रेस में राजद के खिलाफ बौखलाहट है वही राजद के वरिष्ठ नेताओं में भी खलबली मची हुई है| वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा और सत्ता लोलुपता के कारण पन्द्रह वर्षों तक बिहार पर एकछत्र राज करनेवाली राष्ट्रीय जनता दल का जमीन और जनाधार पूरी तरह से खिसक चूका है| यही कारण है कि आत्म-सम्मान वाले सभी नेता धीरे-धीरे इससे किनारा करने लगे हैं| यही स्थिति रही तो आनेवाले समय में राष्ट्रीय जनता दल कई टुकड़ों में बंटकर अपना अस्तित्व खो देगा| उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस की दुर्गति उन सारी पार्टियों के लिए एक सबक है, जो राजद के साथ चुनाव लड़ने के मंसूबे पाले हुए हैं| अवसरवादिता की राजनीति करनेवाले ऐसे नेताओं और दलों की मंशा को बिहार की जनता बखूबी समझ रही है| इस वर्ष होनेवाले विधानसभा चुनाव में भी 2019 के लोकसभा चुनाव से भी बुरी दुर्गति होनेवाली है|

 

 

 


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