दिल्ली में नीतीश कुमार ने कहा, नहीं हटेंगे मांझी

रिपोर्ट: साभारः

नयी दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को पद से हटाये जाने की किसी भी संभावना को गुरुवार को खारिज कर दिया. गुरुवार को पुराना जनता दल परिवार के विलय को लेकर दिल्ली पहुंचे नीतीश ने कहा कि तत्काल उनकी प्राथमिकता जनता परिवार से निकले विभिन्न दलों का विलय कराना है. उन्होंने कहा कि हम एनडीए सरकार के अध्यादेश राज के खिलाफ संयुक्त विरोध प्रदर्शन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नयी पार्टी के गठन के बाद बिहार में नेतृत्वकर्ता का चयन किया जायेगा. यह किसी एक पार्टी की बात नहीं रह जायेगी. सूत्रों के मुताबिक इस माह के अंत तक जदयू और राजद समेत छह दलों के विलय पर औपचारिक सहमति मिल जायेगी. इस बीच 17 और 18 जनवरी को पश्चिम चंपारण के सिकटा और मधुबन में नीतीश कुमार की विधानसभावार रैली स्थगित कर दी गयी है. 15 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की ओर से आयोजित भोज में जदयू और राजद के सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. माना जा रहा है कि विलय को लेकर इस भोज में सार्वजनिक तौर पर घोषणा कर दी जायेगी और आगे की रणनीति तय की जायेगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी विलय योजना में व्यस्त हैं और इसी मुद्दे पर हमने चर्चा की है. उन्होंने केंद्र सरकार के अध्यादेश के जरिये भूमि अधिग्रहण, कोयला एवं खदानों पर नये कानूनों को प्रभावी बनाने की पहल कर तीखी आलोचना की. आमिर खान अभिनीत ‘पीके’ के खिलाफ आरएसएस और उससे संबद्ध संगठनों के प्रदर्शन को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि फिल्म धार्मिक पाखंड और अंधविश्वास के खिलाफ है. उन्होंने दावा किया कि ये संगठन समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा, असली लडाई हिंदू बनाम हिंदू है. एक चरमपंथी तबका है, जिनकी संख्या इन दिनों बढी है क्योंकि वे सत्ता में हैं. लेकिन, नरमपंथी उन्हें अब भी संख्या के मामले में पीछे छोड़ देंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विकास की बात करके ध्यान भटकाने वाला हथकंडा अपनाने का आरोप लगाया. उन्होनें कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा जनता परिवार के संगठनों के विलय को लेकर सशंकित है. उन्हांेने यह भी कहा कि विलय से नरमपंथियों के हाथ और मजबूत होंगे. नीतीश कुमार ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह छह दलों की नयी पार्टी से मुकाबला नहीं कर पायेगी. भाजपा जो फिलहाल सिर्फ हिंदूवादी गतिविधि में लगी हुई है, उन कट्टरपंथियों से मुकाबला है. कट्टरपंथियों की संख्या जरूर बढ़ी है, लेकिन उदारवादी हिंदुत्व से वे मुकाबला नहीं कर सकेंगे. उदारवादी धारा के हिंदुओं को हमारी एकता से बल मिलेगा. कट्टरपंथी हिंदुओं को डर लग रहा है कि छह दलों का विलय हो जायेगा तो उनके पैर के नीचे से जमीन खिसकने लगेगी. दो घंटे तक लालू से चर्चा विलय प्रक्रिया में तेजी लाने के सिलसिले में नीतीश कुमार ने गुरुवार की शाम दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की. शरद के साथ बंद कमरे में करीब घंटे भर बैठक चली. इसके बाद वह लालू प्रसाद के आवास पर गये. लालू के साथ करीब दो घंटे तक चली बैठक में जदयू सांसद आरसीपी सिंह केसी त्यागी भी थे. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच विलय पर गंभीर चर्चा हुई. श्री त्यागी ने कहा कि विलय को लेकर मुलायम सिंह यादव से फोन पर चर्चा हुई. शुक्रवार की शाम तक सपा अध्यक्ष दिल्ली पहुंचेंगे. इसके बाद सभी नेता आमने-सामने बैठक कर विलय के मसौदे को अंतिम रूप देंगे. इधर, सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार विलय के मसले पर जल्द निर्णय चाहते हैं. उन्होंने शरद यादव और लालू प्रसाद को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है. मांझी के पक्ष में आये पासवान और ज्ञानू अगर मांझी को सीएम पद से हटाया जाता है तो यह पार्टी का अंदरुनी मामला है, लेकिन किसी दलित मुख्यमंत्री को काम नहीं करने दिया जाना यह एक गंभीर विषय है. रामविलास पासवान, केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर कोई आंच आयी तो मैं उनके समर्थन में भाजपा से भी हाथ मिलाने को तैयार हूं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मिल सकता हूं. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, जदयू से निष्कासित विधायक


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