300 आतंकी घुसपैठ की फिराक में, PAK के 12 टेरर लॉन्चिंग पैड भारत के राडार पर

रिपोर्ट: ramesh pandey

नई दिल्ली. इंटेलिजेंस एजेंसीज ने पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के 12 लॉन्चिंग पैड्स की पहचान की है। पिछले साल सितंबर के आखिर में पीओके में इंडियन आर्मी ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उसके बाद बने इन लॉन्चिंग पैड्स पर करीब 300 आतंकी मौजूद हैं जो भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं। ह्यूमन इंटेलिजेंस एंड टेक्निकल सर्विलांस पर बेस्ड एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद के हालात की समीक्षा... - डीएनए के मुताबिक, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इंटेलिजेंस एजेंसीज ने भारतीय क्षेत्र में उन जगहों की भी पहचान की है, जहां से इन आतंकियों की घुसपैठ हो सकती है। - रिपोर्ट में पिछले साल 28-29 सितंबर की दरमियानी रात पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद के हालात की समीक्षा की गई है। - LoC पारकर हुई इस सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकी संगठनों को काफी नुकसान का दावा किया गया था। - पीओके में 7 आतंकी कैम्पों को तबाह कर दिया गया था। इस दौरान 40 आतंकी भी मारे गए थे। ये 12 लॉन्चिंग पैड राडार पर - बालाकोट, गढ़ी हबीबुल्लाह, बतरसी, मशर-ए-अकशाह, अब्दुल्लाह बिन मौसम, दलाई, छेला बंदी, कोटली, दुंगी, गुल्पर, बाराली और मंदाकुली। इन जगहों से हो सकती है घुसपैठ - रिपोर्ट के मुताबिक लोजाब घाटी, राजवर फॉरेस्ट, बांदीपुरा, काजीकुंड, राफियाबाद और नौगाम- वो जगहें हैं जहां से घुसपैठ की जा सकती है। - इन जगहों पर आतंकियों ने अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स से मुलाकात कर उनसे पैसे और रसद हासिल किया है। घुसपैठ को बेताब हैं आतंकी - रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घुसपैठ में इजाफा हुआ है। जिससे यह पता चलता है कि आतंकी कितने बेताब हैं। - घुसपैठ की घटनाओं में बढ़ोतरी का आकलन ग्राउंड इंटेलिजेंस, इंटरसेप्ट्स और कुछ क्षेत्रों में बाड़ काटे जाने के सबूतों के आधार पर किया गया है। - एक सिक्युरिटी अफसर ने कहा, "आमतौर पर ठंड के मौसम में भारी बर्फबारी के चलते घुसपैठ कम हो जाती है, लेकिन मौजूदा हालात में इसके बढ़ने से फोर्सेज के लिए यह एक मुश्किल वक्त है।" रिपोर्ट में और क्या? - 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर और हिज्बुल-मुजाहिदीन चीफ सैयद सलाहुद्दीन ने अपने आतंकियों से हालात का फायदा उठाने और इंडियन सिक्युरिटी फोर्सेज पर लगातार हमले करने को कहा है। - आतंकी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर के लोकल लोगों की भर्ती भी चिंता का विषय है। - सोर्सेज के मुताबिक, ऐसा अनुमान है कि पिछले कुछ महीनों में 100 से ज्यादा नौजवान अपने घरों से लापता हुए हैं। - बता दें कि 8 जुलाई 2015 को कश्मीर के हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी लंबे वक्त तक हिंसा का शिकार रही है। - इस दौरान भीड़ और सिक्युरिटी फोर्सेज के बीच खुलेआम भिड़ंत हुई। - ऑफिशियल फीगर्स के मुताबिक, पिछले साल 2 दिसंबर तक 60 सिक्युरिटी पर्सनल्स की मौत हुई। जबकि 2015 में 39 और 2014 में 26 की मौत हुई थी। - 2016 में 146 आतंकी, 2015 में 102 और 2014 में 107 आतंकी मारे गए थे। - सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तानी आतंकी संगठन डरने के बजाए ज्यादा हमलों और फिदायीन अटैक की साजिश बना रहे हैं।


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