बिहार में ‘सुपर गठबंधन’ की सरकार बननी तय, जिसका एकमात्र लक्ष्य है जनता का विकास : ललन यादव

रिपोर्ट: शिलनिधि

पटना : सुपर गठबंधन के अध्यक्ष ललन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नीतीश सरकार की सराहना किये जाने को हास्यास्पद बताया है| सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना और बाढ़ की विभीषिका जैसी प्राकृतिक आपदा से जूझ रही बिहार की जनता को भगवान भरोसे छोड़नेवाले नीतीश कुमार की पीठ किस बात के लिए थपथपायी जा रही है? यह समझ से परे है| न्याय के साथ विकास और तथाकथित सुशासन की झूठी ढोल पीटनेवाले नीतीश कुमार अपने डेढ़ दशक के कार्यकाल में जनता की अनदेखी कर सिर्फ और सिर्फ कुर्सी बचाने में लगे रहें|

गौरतलब है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया जिसमे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए| कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ़ की| उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के  नेतृत्व में गाँव-गाँव पानी पहुंचाने का प्रशंसनीय कार्य हो रहा है। हर घर नल का जल योजना के माध्यम से घर तक लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। डेढ़ करोड़ से अधिक घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ा गया है। कोरोना काल में भी बिहार के 60 लाख से अधिक घरों को नल से जल मिलना सुनिश्चित किया गया, यह वाकई बहुत बड़ी उपलब्धि है|

ललन यादव ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों की जिक्र करते हुए सवाल किया है कि यदि वाकई बिहार में पिछले 15 वर्षों से सुशासन का राज कायम है तो इस प्रदेश में सबसे अधिक दलित प्रताड़ित क्यों हुए? NCRB  (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के अनुसार देश भर में दलितों पर सबसे ज्यादा अपराध बिहार में हुए जिसका दर 40.7% है जबकि राष्ट्रीय औसत 21.8 है। इसके लिए कौन जिम्मेवार है| नीतीश कुमार के डेढ़ दशक के कार्यकाल में बिहार में बेरोजगारी, ग़रीबी, भुखमरी और पलायन क्यों बढ़ता गया? बिहार में बेरोज़गारी दर (46.6%) सबसे अधिक क्यों है?  जनता इन सभी सवालों का जबाब 15 वर्षों तक सत्ता का स्वाद लेनेवाले एनडीए के नेताओं और बिहार के मुखिया नीतीश कुमार से मांग रही है| लेकिन हर कोई निरुत्तर है| ऐसी स्थिति में जनता सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है| बिहार में परिवर्तन की बयार जोरो पर है और मतदाताओं के मांग पर ही सुपर गठबंधन की बुनियाद पड़ी है| 15 साल बनाम 15 साल तक सत्ता सुख भोगनेवाले नेताओं को बिहार की जनता अब पूरी तरह से नकार चुकी है इसलिए जनता का विश्वास हासिल कर बिहार में ‘सुपर गठबंधन’ की सरकार बननी तय है जिसका एकमात्र लक्ष्य है जनता का विकास|

 


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