भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर था अटल जी का कार्यकाल: राजीव रंजन

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना अगस्त 19 :  पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजेपयी के कार्यकाल को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर बताते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने बाजपेयी सरकार की उपलब्धियों का वर्णन किया| उन्होंने कहा “ देश के राजनीतिक इतिहास में पूर्व प्रधानमन्त्री  अटल बिहारी वाजपेयी जी का कार्यकाल कई मायनों में अभूतपूर्व रहा| उनका कार्यकाल एक तरफ जहां देश की आर्थिक दशा और दिशा को नयी दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वहीँ दूसरी तरफ इसने देश के अन्य दलों को यह सीख दी कि अगर मन में देश सेवा की सच्ची निष्ठा हो तो पूरी दुनिया की खिलाफत के बावजूद देश आगे बढ़ सकता है

 यह वाजपेयी जी की दूरदर्शिता ही थी जिसने भारत को आर्थिक और सामरिक ताकत के रूप में विश्व पटल पर खड़ा किया| स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, दूरसंचार क्रांति, पीएसयू का निजीकरण और सर्व शिक्षा अभियान की सराहना आज भी होती है| याद करें तो जब उन्होंने साल 2004 में पद छोड़ा तो देश की विकास दर 8 प्रतिशत से ऊपर, मुद्रास्फीति 4 फीसदी से नीचे रही तथा साथ ही देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर था और यह सब तब था जब पूरी दुनिया भारत के खिलाफ थी, यही वजह है आज भी उनका कार्यकाल विकास के मामले में सर्वोतम माना जाता है| यह उनके बेहतर कदमों का ही नतीजा था कि 2004 में में बनी यूपीए सरकार को बेहतर अर्थव्यवस्था मिली, जिसे उन्होंने अपने 10 वर्षों में फिर से गर्त में पंहुचा दिया|

 वाजपेयी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि थी 5846 किलोमीटर की स्वर्णिम चुतर्भुज योजना थी, जिससे देश की आर्थिक प्रगति को नए आयाम मिले|वाजपेयी सरकार ने राजकोषीय घाटा कम करने के मकसद से वित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की बचत को बढ़ावा दिया जो वित्त वर्ष 2000 में जीडीपी के 0.8 फीसद से बढ़कर वित्त वर्ष 2005 में 2.3 फीसद हो गया| वाजपेयी सरकार की नई दूरसंचार नीति ने निश्चित लाइसेंस शुल्क की जगह दूरसंचार क्रांति की शुरुआत की| उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों के कई नीतियां और कानून तैयार किए| बीएसएनल के लिए एक अलग नीति बनाई गई, जिससे इस क्षेत्र में विदेश संचार निगम लिमिटेड का आधिपत्य को समाप्त हो गया|  उनकी सरकार में पहली बार विनिवेश से निजीकरण तेजी से बढ़ा| उन्ही के कार्यकाल में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की गई, जिसके तहत आज 6-14 साल के बच्चों की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिकार मिल रहा है| हकीकत में उनकी नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित हुई और आज केंद्र सरकार सफलतापूर्वक उनकी नीतियों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है| 


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