धर्म नहीं विज्ञान है योग, प्रधानमन्त्री मोदी ने बढ़ाया वैश्विक मान: संजय जायसवाल

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : बिहार वासियों को योग दिवस की बधाई देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा कि योग हमारे प्राचीन भारत की अमूल्य धरोहर है. यह पूरे विश्व को हमारी एक अद्भुत, अद्वितीय और अनुपम भेंट है, जिसका उद्देश्य केवल मानवता का कल्याण है. आज के तनावपूर्ण दौर में योग का महत्व और बढ़ गया है. मेडिकल साइंस में पहले एक समय था जब आप कितनी दूरी तक दौड़ सकते हैं ,कितना वजन उठा सकते हैं, यह स्वास्थ्य का मानक हुआ करता था पर आज मेडिकल साइंस यह मानता है कि आपके शरीर में जितना ज्यादा लचीलापन है उतना ज्यादा आप स्वस्थ हैं और प्राणायाम करना शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी को भी बढ़ाता है.

उन्होंने कहा कि योग किसी धर्म या जाति से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह अपने आप में एक संपूर्ण विज्ञान है. इसे कोई भी कर सकता है, यहाँ तक कि जिन्हें किसी धर्म या जाति में आस्था न हो, यानी जो पूरी तरह नास्तिक हो, वह भी योग कर सकते हैं. युवाओं को तो इसे जरुर करना चाहिए क्योंकि योग से एकाग्रता बढती है, काम-काज और पढाई में मन लगता है. योग तन, मन और दिमाग की शांति में अहम भूमिका निभाता है. इसलिए धर्म-जाति के बन्धनों को तोड़ कर हर किसी को इसे अपने जीवन में अवश्य उतारना चाहिए.

पूरे विश्व में योग की बढ़ी प्रतिष्ठा का श्रेय प्रधानमन्त्री मोदी को देते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि समय के बहाव में योग की ख्याति गायब सी हो गयी थी. इस खोयी कला को फिर से दुनिया में सम्मान दिलाने का श्रेय सीधे प्रधानमन्त्री  को जाता है. गौरतलब हो कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को वैश्विक योग दिवस के तौर पर चिह्नित किया था और पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून, 2015 में दिल्ली के राजपथ पर हुआ था. उसके बाद से ही दुनिया के अधिकांश देशों में योग दिवस एक पर्व की तरह मनाया जाता है. वास्तव में प्रधानमन्त्री मोदी जी की प्रेरणा से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अब दुनियाभर में एक जन आंदोलन बन गया है यहाँ तक कि कई देशों में यह सार्वजनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है.


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