पटना : राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र सहनी ने बिहार सरकार को किसान विरोधी बताया है| उन्होंने कहा कि प्राकृतिक प्रकोप से जूझ रहे किसानों को डेडिकेटेड कृषि फीडर से उनके खेतों तक पानी पहुंचाने का नीतीश सरकार का सपना पूरा होने से पहले ही मुंह चिढ़ाने लगा है| सूखे का दंश झेल रहे किसानों को कृषि फीडर के माध्यम से हर रोज 12 घंटे की बजाय मात्र 2 घंटे बिजली की ही आपूर्ति की जा रही है| नतीजतन खेत में लगी धान की फसल सूखने लगा है|
गौरतलब है कि एग्रीकल्चर फीडर के माध्यम से नीतीश सरकार ने पूरे बिहार के किसानों के खेत तक तीन शिफ्ट में चार-चार घंटे यानी प्रतिदिन 12 घंटे बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है| लेकिन स्थिति ठीक इसके उलट है| इस साल के अंत तक पूरे बिहार में खेती के लिए 1312 डेडिकेटेड एग्रीकल्चर फीडर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमे से अब तक करीब 800 फीडर के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जा रही है| उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास का नारा देनेवाली नीतीश सरकार में हर आदमी परेशान है| 76 प्रतिशत कृषि पर निर्भरता वाले बिहार में इस वर्ष भी बाढ़ और सुखाड़ से किसान त्राहिमाम हैं, जबकि राज्य सरकार सिर्फ कागजी घोषणाएं कर अपनी पीठ थपथपाने में जुटी है| उन्होंने कहा कि बिहार में सरकारी योजनाओं में मची लूट के कारण उसका लाभ जरुरतमंदों तक नहीं पहुँच रहा है|
श्री सहनी ने कहा कि लालू-राबड़ी के जंगलराज की बुनियाद पर बनी सुशासन बाबू की सरकार में आये दिन पूरे बिहार में लूट, हत्या, बलात्कार का दौर जारी है| सरकार और प्रशासन अपराधियों के आगे घुटने टेक दिए हैं| बिहार के डीजीपी खुद के जाने को खतरा बता रहे हैं| ऐसे में आम आदमी की सुरक्षा भगवान भरोसे है| उन्होंने कहा कि जिस बिहार में अपराधी बेलगाम हैं, वहां की सरकार अपराध पर लगाम लगाने की बजाय गुटखे पर पाबंदी लगाने में जुटी है| यह काफी हास्यास्पद और बिहार की जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है| उपेन्द्र सहनी ने कहा कि अगर नीतीश सरकार तत्काल अपराधियों को नियंत्रित करने के साथ ही जनता की समस्याओं के प्रति कारगर एवं प्रभावी कदम नहीं उठाती है तो 2020 के चुनाव में बिहार की जनता इन्हें सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है|