अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर पटना मारवाड़ी महिला समिति द्वारा वितरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

रिपोर्ट: किरण पाण्डेय

पटना : अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर पटना मारवाड़ी महिला समिति द्वारा आर्य कुमार रोड स्थित वैशाली गोलंबर पर सैकड़ों रिक्शा-ठेला चालकों एवं दिहाड़ी मजदूरों के बीच पानी का बोतल, गमछा, फल और बिस्किट पैकेट का वितरण किया गया| गौरतलब है कि किसी भी संस्था, उद्योग, समाज, राज्य और राष्ट्र के निर्माण और विकास में मजदूरों, कामगारों और मेहनतकशों की अहम भूमिका होती है| मजदूर दिवस को श्रमिक दिवस भी कहा जाता है| मजदूर दिवस या मई दिवस हर साल दुनिया भर में 1 मई को मनाया जाता है| इस दिन भारत ही नहीं दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है| भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को हुई थी|

समिति की सचिव सुमिता छावछरिया, कोषाध्यक्ष उषा टिबड़ेवाल एवं कांता अग्रवाल ने संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा कि बढ़ती गर्मी एवं लू की थपेड़ों से बचने के लिए समिति द्वारा मजदूर दिवस के मौके पर रिक्शा-ठेला चालकों एवं दिहाड़ी मजदूर भाइयों के बीच पानी का बोतल एवं गमछा वितरण करने का फैसला लिया गया| जारी किये गये वक्तव्य में कहा गया है कि बदलते मौसम को देखते हुए पटना मारवाड़ी महिला समिति द्वारा इस प्रकार के वितरण कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं जो आगे भी जारी रहेगा|

दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई, जब अमेरिका में कई मजदूर यूनियन ने काम का समय 8 घंटे से ज्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी| इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था| यह बम किस ने फेंका किसी का कोई पता नहीं| लेकिन प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चला दी और कई मजदूर मारे गए| शिकागो शहर में शहीद मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया|

कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ| श्रवण कुमार, कांता अग्रवाल, केसरी अग्रवाल, कृष्णा अग्रवाल, चंचल बेंगानी, अर्चना सरावगी, किरण केडिया, रेखा जैन,  निशि अग्रवाल, रानी शाह, गुंजन अग्रवाल,  मीना अग्रवाल, सुषमा गुटगुटिया,  कुमुद अग्रवाल सहित समिति की 30 से ज्यादा सदस्यों ने सहयोग किया|


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