पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को यहां बताया कि 16 सितंबर से राज्य के 13 जिलों में ’राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान’ की शुरुआत होगी। 21 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत एक वर्ष आयु के बच्चों से लेकर 19 वर्ष तक के युवाओं को कृमि नियंत्रण की दवा खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के माध्यम से लगभग दो करोड़ 16 लाख बच्चे, किशोर-किशोरी लाभान्वित होंगे। लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस अभियान की बागडोर आशा कायकर्ताओं के हाथों में होगी।
श्री पांडेय ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने पोषण क्षेत्र के सभी घरों का भ्रमण कर एक से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों एवं छह से 19 वर्ष तक के स्कूल नहीं जानेवाले बच्चों को एल्बेंडाजोल (400एमजी) की गोली खिलाएंगी। जो बच्चे किसी कारण से विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं, उन्हें भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उनके घर जाकर कृमि मुक्ति की दवा खिलाएंगी। शहरी क्षेत्र के सभी निजी व सरकारी विद्यालयों, तकनीकी व कोचिंग संस्थानों एवं स्लम क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विशेष मोबाइल टीम का भी गठन किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कृमि मुक्ति कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन करेंगी। गृह भ्रमण अथवा विद्यालय में दवा खिलाने के समय मास्क, दस्ताने, सेनेटाइजर का प्रयोग करेंगी।
श्री पांडेय ने कहा कि कृमि संक्रमण से बच्चों के पोषण स्तर और हीमोग्लोबिन स्तर पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है, जिससे उनका शारीरिक एवं बौद्धिक विकास बाधित होता है। पीजीआई, चंडीगढ़, आरएमआरआई, पटना, एनआईई, चेन्नई, एविडेंस ऐक्शन और राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार बच्चों में कृमि संक्रमण का दर 2011 में 65 फीसदी था, जो घटकर 2019 में 24 फीसदी पर आ गया है।