...तो 24 घंटे में राम मंदिर का मुद्दा सुलझ जाता, योगी आदित्यानाथ

रिपोर्ट: प्रीतम दुबे

जागरण फोरम में उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि दैनिक जागरण की विकास यात्रा को उन्‍होंने पिछले 25-30 वर्षों में नजदीक से देखा है। दैनिक जागरण परिवार को 75 वर्ष पूरे होने पर हृदय से बधाई देते हैं। दैनिक जागरण का प्रकाशन उत्‍तर प्रदेश के झांसी से शुरू हुआ था। लोगों का दैनिक जागरण के साथ भावनात्मक लगाव है। बता दें कि दैनिक जागरण ने अपनी सृजन यात्रा के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दो दिवसीय फोरम का उद्घाटन किया। 

राम मंदिर बनने में क्‍या रोड़ा है? इस सवाल के जवाब में पीएम योगी बोले, 'देश की जो भावना है, वो मेरी भी भावना है। देश संविधान से चलेगा। उसका सम्‍मान सभी को करना चाहिए। हर नागरिक को राज्‍य सरकार के पास मुद्दा होता, तो हम 24 घंटे में फैसला कर देते और कोई विवाद भी नहीं होता। सर्वोच्‍च न्‍यायालय से हम अपील करेंगे कि जल्‍द से जल्‍द ये सुलझे। भारत के प्रति हर नागरिक का दायित्‍व बनता है। बातचीत के जरिए हर मुद्दे का हल निकल सकता है। देश के सौहार्द के लिए इस राम जन्‍म भूमि मुद्दे का समाधान होना बेहद जरूरी है।

योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि धर्म के पाखंड घुसेगा, तो उसके परिमार्जन के लिए राजनीति आवश्‍यक है। धर्म और राजनीति एक दूसरे के पर्याय है, राजनीति दीर्घकालीन धर्म है और धर्म अल्पकालिक राजनीति। हम यूपी में रामराज्य की अवधारणा साकार कर रहे हैं। राजनीति हमारे लिए सेवा का साधन है। आयोध्या को उसकी पहचान दिलाने का प्रयास किया है। दीपोत्‍सव के माध्‍यम से हमने देश की संस्‍कृति और विरासत को दिखाने की कोशिश की है। विश्‍व के कई देशों में राम के अस्तित्‍व को स्‍वीकार किया गया है। लेकिन यदि कम्युनिस्टों को अपने धर्म और संस्कृति की जानकारी होती तो वे राम के अस्तित्व पर सवाल नहीं उठाते। राम के साथ दुनिया का भावनात्मक रिश्ता है।

योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि भारत का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व उत्‍तर प्रदेश करता है। आज के आधुनिक भारत में भी उत्‍तर प्रदेश का विशेष स्‍थान है। देश की सात पवित्र नदियों में से गंगा और यमुना का सबसे अधिक बहाव हमारे प्रदेश में ही है। गंगा और यमुना का संगम भी हमारे प्रदेश प्रयागराज में ही है।

उन्‍होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में यूपी ने जबरदस्त योगदान दिया है। हमें अपने अतीत को विस्मित करके आगे बढ़ने की कल्‍पना भी नहीं का सकते। हमें अपने अतीत से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। साथ ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही उत्‍तर प्रदेश में अनेक संभावनाएं छिपी हुई हैं। कुंभ की भूमि भी उत्‍तर प्रदेश है। यूनेस्को ने कुंभ को सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल कर लिया। यह हमारे लिए गौरव की बात है। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर कोई चीज उत्‍तर प्रदेश में चल गई, तो वो पूरे देश में चल जाएगी।

 


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