पटना : जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक सह सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों के परिणाम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि नफरत, झूठ, अहंकार और विश्वासघात, नेताओं के लिए उचित नहीं है। यह इन राज्यों के चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है। कांग्रेस ने मुद्दे पर जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कांग्रेस के लिए अच्छे दिन की जमीन तैयार कर दी है, जो इन राज्यों के चुनाव में देखने को मिला। पप्पू यादव ये बातें आज पटना में अपने मंदिरीआवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने पूछा कि भाजपा को गंगा तो बुलाती है, मगर कोसी, ब्रह्मपुत्रा, गंडक जैसी नदियां क्यों नहीं बुलाती है।
सांसद ने सभी दलों से अपील करते हुए कहा कि गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, योगी आदित्य नाथ, साक्षी महाराज जैसे लोगों को अपनी पार्टी से बाहर करें, क्योंकि ऐसे लोग देश के लिए खतरा हो। इंसानियत के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि ये लोग धर्म और जाति के आधार पर नफरत पैदा करते हैं। आरक्षण और सवर्ण कार्ड खेल कर लोगों को आपस में लड़ाते हैं। अब डीएनए, गोत्र व जात – पात की राजनीति खत्म हो चुकी है। यह इन राज्यों का चुनाव परिणाम बताता है। इससे सबों को सबक लेने की आवयश्यकता है। उन्होंने जगह का नाम बदलने की राजनीति पर भी भाजपा को घेरा और कहा कि नाम बदलने से कुछ नहीं होगा। इस बार चुनाव में भगवान को भी बांटने की कोशिश हुई, जिसके खिलाफ यह जनमत है।
पप्पू यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में बाबाओं ने अकूत संपत्ति अर्जित की। अरविंद पनगढि़या, अरविंद सुब्रह्मणयम, अर्जित पटेल, चुनाव आयोग, आरबीआई, सीबीआई और न्यायालय सभी पर संकट देखने को मिला। मोदी सरकार को छात्र, युवा, किसान और मजदूर की हाय लगी है। किसानों की जिंदगी मौत से बद्दतर हो गई। छात्र – नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। जीएसटी और नोटबंदी से लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से बिहार को न तो विशेष राज्य का दर्जा मिला न ही विशेष पैकेज और न बाढ़ का पैसा। इसलिए बिहार की जनता की भी हाय उनको लगी है।
मधेपुरा सांसद ने पटना विश्वविद्यालय चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें अपनी काबिलियत से बहुत कुछ करने में महारत हासिल है। कम से कम निर्माण करने वाली संस्था को बख्श दीजिए। वरना लोकतंत्र तो खत्म हो चुका है, जो बची हुई निर्माण करने वाली संस्था है, वो भी नहीं बचेगा। पटना विवि छात्र संघ चुनाव में शवाब, कवाब और नफरत पैदा किया गया, जो सही नहीं। उन्होंने पीयू चुनाव में यूनिवर्सिटी प्रशासन की भूमिका को संदिग्ध बताया और कहा कि एबीवीपी की गुंडई और नीतीश कुमार का सरकारी घर और तंत्र, पुलिस रामजतन सिंह की पत्नी और सुहेली मेहती प्रोफेसर आदि ने गुंडई कर पीयू चुनाव में नफरत की आग फैलाई। इस वीसी को एक मिनट रहने का अधिकार नहीं है। छात्र राजनीति को गंदगी के साथ प्रभावित करने वाले इन लोगों के खिलाफ हम हाईकोर्ट जायेंगे। ये लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा हैं।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बिहार में एक नये विकल्प की तलाश की शुरूआत हो। मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि क्या वे हिंदू – मुस्लिम के बीच नफरत की राजनीति में शामिल होंगे। अगर नहीं तो एनडीए का साथ छोड़े और बिहार बचाने के लिए एक विकल्प बनायें। जनता भी तैयार है। आप भी आईये। सांसद ने उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे पर कहा कि वे कोई फैक्टर नहीं। अगर उन्हें सामाजिक न्याय की इतनी ही चिंता थी, तो उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। अंत में सांसद ने कहा कि एक समय था, जब नीतीश कुमार बिहार से आजादी के बाद पहले पीएम हो सकते थे, मगर येन केन प्रकारेण सत्ता की लालसा से उन्होंने जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो दिया। आज यह हाल उपेंद्र कुशवाहा के साथ हुआ।
संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुपति प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह, प्रदेश महासचिव उमैर खान, अरूण सिंह उपस्थित थे।