धौनी के शानदार छक्के से जीता भारत

रिपोर्ट: साभार

आकलैंड : मध्‍यम क्रम में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए सुरेश रैन ने भारतीय कप्‍तान महेंद्र सिंह धौनी के साथ पारी को संभालते हुए बेहतरीन शतक जमाया. शुरुआत में भारत के चार विकेट काफी सस्‍ते में गिर गये थे. ऐसे में कैप्‍टन कूल और संकटमोचन रैना ने पारी को ना सिर्फ संभाला, बल्कि रनों की गति को भी तेज किया. एक समय खराब स्थिति में दिख रही टीम इंडिया के लिए 200 का आंकड़ा भी कठिन लग रहा था. लेकिन दोनों ही मध्‍यम क्रम के बल्‍लेबाजों ने अपने संयम भरी बल्‍लेबाजी से भारत के स्‍कोर को 40 ओवरों में 200 के पार पहुंचाया. इतना ही नहीं दोनों ने टीम को जिम्‍बाब्‍वे पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी. कैप्‍टन कूल ने भी रैन का साथ देते हुए अपना अर्द्धशतक पूरा किया और अंत तक पिच पर डटे रहे. इन दोनों बल्‍लेबाजों के प्रदर्शन के कारण जिम्‍बाब्‍वे के खिलाडि़यों पर इतना प्रेसर था कि उन्‍होंने दो बार रैना का कैच गिराया. इसके अलावे कैप्‍टन कूल का कैच भी दो बार जिम्‍बाब्‍वे की ओर से छोड़ा गया. आखिर तक खेलते हुए इन दोनों भारतीय बल्‍लेबाजों ने जिम्‍बाब्‍वे पर 6 विकेट की जीत दर्ज की. इसके साथ ही लीग में भारत ने अपना छठा मैच भी जीत लिया. भारत विश्‍वकप लीग में अपना कोई भी मैच नहीं हारा है पूल बी में शीर्ष पर बना हुआ है. विश्व कप के आखिरी लीग मैच में जिंबाब्‍वे ने आज भारत के सामने जीत के लिए 288 रनों का लक्ष्‍य दिया है. लक्ष्‍य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की हालत खराब हो चुकी है. भारत के चार विकेट गिर चुके हैं. टीम इंडिया का शीर्षक्रम लड़खड़ा गया है. लीग मैचों में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम आज कमजोर मानी जा रही जिंबाब्‍वे की टीम के सामने कमजोर दिख रही है. लक्ष्‍य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का पहला विकेट रोहित शर्मा के रूप गिरा. विश्व कप में लगातार असफल रहे रोहित शर्मा आज मात्र 16 रनों की पारी खेली. रोहित के बाद तुरंत ही शिखर धवन भी महज 4 रन के निजी स्‍कोर पर पवेलियन लौट गये. विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले टीम इंडिया के उपकप्‍तान विराट कोहली भी 38 के स्‍कोर पर बोल्‍ड हो गये. पहले बल्‍लेबाजी करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम निर्धारित 50 ओवर तो नहीं खेल पायी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों के आक्रमण पर प्रहार करते हुए 287 रन जरुर बना लिए. जिम्बाब्वे के लिये अपने आखिरी वनडे मैच में कैरियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए कप्तान ब्रेंडन टेलर ने 138 रन बनाये जिसकी मदद से उनकी टीम ने भारत के खिलाफ पूल बी के आखिरी मैच में 48.5 ओवर में 287 रन जोडे. यह भारत के खिलाफ मौजूदा विश्व कप में किसी टीम का सर्वोच्च स्कोर है. इससे पहले आयरलैंड ने गत चैम्पियन के खिलाफ 259 रन बनाये थे. पहले बल्लेबाजी के लिये भेजे जाने पर टेलर ने भारतीय गेंदबाजी को धता बताते हुए अपनी 110 गेंद की पारी में 15 चौके और पांच छक्के लगाये. उन्होंने अपना पहला अर्धशतक 64 गेंद में पूरा किया जबकि बाकी 88 रन सिर्फ 46 गेंद में बनाये. उन्होंने शतक 99 गेंद में पूरा कर डाला जो उनका आठवां वनडे शतक है. भारत के खिलाफ इस विश्व कप में शतक जमाने वाले वह पहले खिलाडी बने. शतक के बाद सुरेश रैना, विराट कोहली और शिखर धवन ने उन्हें बधाई दी तो भारतीय समर्थकों ने खडे होकर उनका अभिवादन किया. इस मैच के बाद वह वित्तीय दिक्कतों के चलते हमेशा के लिये इंग्लैंड में बस रहे हैं. इस मैच में भारतीय स्पिनरों का सिक्का नहीं चला. आर अश्विन ने 10 ओवर में 75 रन दिये जबकि उन्हें सिर्फ एक विकेट मिला. रविंद्र जडेजा ने 10 ओवर में 71 रन दे डाले और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. भारत के लिये तीनों तेज गेंदबाजों ने तीन तीन विकेट लिये. मोहित शर्मा ने 10 ओवर में 48 रन देकर, मोहम्मद शमी ने नौ ओवर में 48 रन देकर और उमेश यादव ने 4.5 ओवर में 43 रन देकर तीन तीन विकेट लिये. सीन विलियम्स (50) ने टेलर का बखूबी साथ निभाया. दोनों ने चौथे विकेट के लिये 93 रन जोडे. वहीं क्रेग इरविन (27) और टेलर ने पांचवें विकेट के लिये 109 रन की साझेदारी की. एक समय पर जिम्बाब्वे का स्कोर 11 ओवर में तीन विकेट पर 33 रन था. हैमिल्टन मसाकाजा (2), चामू चिभाभा (7) और सोलोमन माइरे (9) जल्दी आउट हो गए. इसके बाद टेलर और सीन विलियम्स क्रीज पर आये. कार्यवाहक कप्तान टेलर ने एहतियात के साथ शुरुआत करते हुए बाद में हाथ खोले. जिम्बाब्वे का पहला चौका 17वें ओवर में लगा. टेलर ने भारतीय स्पिनरों को बखूबी खेला जबकि अभी तक टूर्नामेंट में बाकी बल्लेबाजों को इसमें काफी दिक्कत आई थी. विलियम्स ने 55 गेंद में तीन छक्कों और तीन चौकों की मदद से 50 रन पूरे किये. वह अश्विन को रिटर्न कैच देकर लौटे.


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