नेत्रदान से दो लोगों का जीवन रौशन होते है।  

रिपोर्ट: सुशांत पाठक

पटना : दधीचि देहदान समिति के जागरूकता अभियान के फलस्वरूप पटना के 95 वर्षीय मेवा देवी का देहांत हो गया। उनके परिजनों ने दधीची देहदान समिति के सदस्य मुकेश हिसारीया के माध्यम से इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के नेत्र अधिकोष की टीम को सौप पीड़ित मानवता की सेवा कर समाज को एक ऐसा संदेश दिया है जो आने वाली पीढ़ि के लिए प्रेरक होगा।

मेवा देवी जी की आखों सें नेत्रहीनों को दृष्टि मिल सकेगी। मृत्यु सुुनिश्चित है परन्तु मृत्यु के पश्चात भी अमर हानें का श्रेष्ट तरीका है-नेत्रदान। प्ळप्डै के नेत्र विभागाध्यक्ष डाॅ विभूति प्रसन्न सिन्हा के निर्देश पर डाॅ वंदना पारासर, मरूती नंदन एवं उनकी टीम ने काॅर्निया लेने की प्रक्रिया को पूरा किया। दधीचि देहदान समिति बिहार समाज के जागरूक नागरिकों से अनुरोध करती है कि मृत्यु को जीवन का अंत न बनाये संकल्प लेकर नेत्रदान और अंगदान करने का संकल्प ले।  हेल्पलाइन नं0 8084053399
महर्षि दधीचि कि इस परम्परा को सार्थक करने का प्रयास करे।


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