लालू ने दी नीतीश को नसीहत, कहा- लालटेन प्रकाश और भाईचारे का जबकि तीर हिंसा का प्रतीक

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : लोकसभा 2019 का चुनावी दंगल जारी है जिसके लिए अंतिम चरण में 19 मई को वोटिंग होनी है और परिणाम आने में मात्र दस दिन शेष है| ऐसे में नेताओं के बीच बयानबाजी तेज होना लाजमी है| चुनावी जनसभा हो, रोड शो या सोशल मीडिया हर हथकंडा अपनाकर राजनेता जनता को अपने पक्ष में गोलबंद करने की हर मुमकिन कोशिश में जुटे हैं ताकि सत्ता तक उनकी पहुंच हो जाए| इस कड़ी में फेसबुक पोस्ट के जरिए  चारा घोटाला मामले में जेल में बंद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। शेयर किये गये फेसबुक पोस्ट में लालू प्रसाद ने लालटेन को रोशनी का प्रतीक बताते हुए सीएम नीतीश कुमार पर पलटवार किया है| उन्होंने कहा कि आजकल नीतीश कुमार अपने हर कार्यक्रम में लालटेन की उपयोगिता समाप्त होने की बात करते हैं| उनके इस बात से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उन्हें उजालों से कुछ ज्यादा ही चिढ़ हो गया है|

लालू प्रसाद ने कहा कि लालटेन प्रकाश, मोहब्बत और भाईचारे का प्रतीक है| यह गरीबों के जीवन से तिमिर हटाने का उपकरण है। हमने लालटेन के प्रकाश से गैरबराबरी, नफरत, अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है और भगाते रहेंगे। तुम्हारा चिह्न तीर तो हिंसा फैलाने वाला हथियार है। मार-काट व हिंसा का पर्याय और प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जनता को लालटेन की जरूरत हर परिस्थिति में होती है। प्रकाश तो दिए का भी होता है। लालटेन का भी होता है और बल्ब का भी होता है।लालू प्रसाद ने जदयू के चुनाव चिह्न तीर को घातक बताया है।

लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि बल्ब की रोशनी से तुम बेरोजगारी, उत्पीड़न, घृणा, अत्याचार, अन्याय और असमानता का अंधेरा नहीं हटा सकते। इसके लिए मोहब्बत के साथ खुले दिल और दिमाग से दिया जलाना होता है। समानता, शांति, प्रेम और न्याय दिलाने के लिए खुद को दिया और बाती बनना पड़ता है। समझौतों को दरकिनार कर जातिवादी, मनुवादी और नफरती आंधियों से उलझते व जूझते हुए खुद को निरंतर जलाए रहना पड़ता है। तुम क्या जानो इन सब वैचारिक और सैद्धांतिक उसूलों को। डरकर शॉर्टकट ढूँढना और अवसर देख समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत रही है।

लालू प्रसाद ने कहा कि छोटे भाई, तुम कहां मिसाइल के जमाने में तीर-तीर किए जा रहे हो? तीर का जमाना अब लद गया। तीर अब संग्रहालय में ही दिखेगा। लालटेन तो हर जगह जलता दिखेगा और पहले से अधिक जलता हुआ मिलेगा क्योंकि 11 करोड़ गरीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे है। बाकी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ। तुम्हारी मर्जी..."

 


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