पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार बैन पर एंटी एनडीए दलों ने EC पर लगाया आरोप

रिपोर्ट: शिलनिधि

कांग्रेस, बसपा, सपा और राजद सहित कई विपक्षी दलों ने  पश्चिम बंगाल में अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग के प्रचार पर बैन लगाने के फैसले पर सवाल सवाल खड़ा किया है| आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर भाजपा सेल की तरह काम करने का आरोप लगाया है| ट्वीट के माध्यम से तेजस्वी ने कहा है कि 'बंगाल में चुनाव आयोग द्वारा प्रचार अभियान पर रोक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है| उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में ममता बनर्जी को हमारा पूरा समर्थन है|

चुनाव आयोग के इस कदम को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बीजेपी का दबाव बताया है. उन्होंने बंगाल मामले पर समर्थन करने के लिए बाकी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया और कहा, 'मायावती, अखिलेश यादव, कांग्रेस, चंद्रबाबू नायडू और बाकी सभी लोगों को हमारा और बंगाल के लोगों का समर्थन करने के लिए धन्यवाद. बीजेपी के दबाव में चुनाव आयोग ने जो पक्षपाती फैसला किया है वह लोकतंत्र पर सीधा हमला है. जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी.'

कांग्रेस ने चुनाव आयोग के कदम को लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा' करार देते हुए बुधवार को दावा किया कि आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है तथा इस संवैधानिक संस्था के लिए नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से कहा, ‘हमें दुख के साथ कहना पड़ा रहा है कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है। वह अपनी योग्यता, क्षमता, निर्भीकता और निष्पक्षता के लिए जाना जाता रहा है। आज जब प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लोकतंत्र पर हमला बोला जा रहा है तो चुनाव आयोग डरा, थका और असहाय नजर आ रहा है। वह प्रजातंत्र का चीरहरण होते हुए देख रहा है।'

मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उनके नेताओं की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाया जाना बहुत ही खतरनाक और अन्यायपूर्ण प्रवृत्ति है तथा यह देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता. मायावती ने कहा, ‘बंगाल में आये दिन कोई न कोई खबर जरूर सुर्खियों में रहती है जिसके लिये भाजपा और आरएसएस के लोग जिम्मेदार हैं. बंगाल में हिंसा को देखें तो साफ पता चलता है कि मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में उनकी पार्टी और सरकार ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत ममता बनर्जी की सरकार को निशाना बनाया है ताकि लोगों का ध्यान मोदी सरकार की कमियों और विफलताओं से हटाया जा सके.'

 

 


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