मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अब लड़कियों के लिए बनेगा वरदान!

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज बिहार मंत्रिपरिषद की विशेष बैठक बुलाई गयी| मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में हुई मंत्रिपरिषद की इस विशेष बैठक में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना बिहार में शुरू करने का फैसला लिया गया| इस योजना के तहत 2 वर्ष की उम्र पूरा करनेवाली बालिकाओं को राज्य सरकार की तरफ से 5000 रुपया मुहैया कराई जायेगी, जिसमे लड़की पैदा होने के वक्त 1000 रुपया आधार से लिंक होने पर 2000 रुपया और 2 वर्ष की अवधि तक टीकाकरण पूर्ण होने पर पुनः 2000 रुपया बालिकाओं को उपलब्ध कराया जाएगा| पूर्व से चल रही पोशाक योजना की राशि में भी बढ़ोत्तरी की गयी है जिसमें कक्षा एक एवं दो में पढ़नेवाली लड़कियों को 400 रूपये की जगह 600 रुपया, कक्षा 3 से 5 में पढ़नेवाली बालिकाओं को 500 के बजाय 700 रुपया, कक्षा 6 से 8 में पढ़नेवाली छात्राओं के लिए 700 के जगह 1000 रुपया और कक्षा 9 से 12 वीं में पढ़नेवाली छात्राओं को अब 1000 की जगह 1500 रूपये की राशि पोशाक के लिए प्रदान किया जाएगा| किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सैनिटरी नैपकिन के लिए पूर्व से मिलनेवाली राशि में भी वृद्धि की गयी है| सैनिटरी नैपकिन के लिए पहले जहाँ 150 रुपया सलाना लड़कियों को दिया जाता था अब उसकी जगह उन्हें 300 रुपया प्रदान किया जाएगा| इसके अलावे बाल विवाह पर लगाम लगाने के लिए इंटरमीडिएट पास करनेवाली कुंवारी लड़कियों को 10000 रूपये की राशि बालिकाओं को मुहैया कराने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है| वही ग्रेजुएशन करनेवाली लड़कियों को 25000 रुपया नीतीश सरकार ने मुहैया कराने का फैसला लिया है वह चाहें कुंवारी हो या विवाहित| इस प्रकार पूर्व से लड़कियों के लिए चल रही योजनाओं के अलावे एक लड़की पर 60000 रूपये से अधिक का खर्च आयेगा| इस मद में करीब 1400 करोड़ रुपया खर्च होगा या लड़कियों की संख्या पर निर्भर करेगा|

मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गये इस एतिहासिक फैसले का चर्चा करते हुए मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि यह यूनिवर्सल स्कीम है जिसमें जाति, धर्म, समुदाय आय सीमा या आयु सीमा की कोई बाध्यता नहीं है| उन्होंने बताया कि इस योजना करीब 1 करोड़ 60 लाख लड़की प्रतिवर्ष लाभान्वित होंगी| उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से लिंग अनुपात सुधरेगा, भ्रूण हत्या में कमी आएगी, बाल विवाह रुकेगा साथ ही लड़कियां शिक्षित होंगी| मुख्य सचिव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के मद्देनजर पहले से चल रही साइकिल योजना, पोशाक योजना, कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग की अन्य कई योजनाओं के अतिरिक्त लड़कियों को आगे बढ़ाने और उनके पढ़ाई के लिए और अधिक सहायता देने की जरूरत महसूस की गयी| पहले लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने एवं उन्हें आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जहाँ 840 करोड़ रुपया खर्च होता था अब मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना शुरू करने के निर्णय लिए जाने के बाद कुल करीब 2221 करोड़ रूपये की खर्च आएगी जो पहले से 1400 करोड़ रुपया अधिक है| उन्होंने कहा कि इस योजना से सरकारी विद्यालयों एवं सरकार से सम्बद्ध विद्यालयों में पढ़नेवाले छात्र-छात्राएं ही लाभान्वित होंगे| वह चाहे मदरसा हो, वित्तरहित विद्यालय हो, सरकारी या सरकार से सम्बद्ध विद्यालय हो| यह योजना इसी वर्ष अप्रैल माह से ही लागू होगी|

मंत्रिपरिषद की इस विशेष बैठक में लिए गये एक अन्य अहम फैसले की जिक्र करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि दिव्यान्गों के तर्ज पर अब तेज़ाब पीड़ित लोगों को भी राज्य सरकार प्रतिमाह पेंशन के तौर पर 400 रुपया मुहैया कराएगी| इसमें किसी तरह की बाध्यता कोई नहीं होगी, जिस प्रकार दिव्यान्गों के मामले में 40 प्रतिशत विकलांगता होना आवश्यक है| उन्होंने कहा कि अगर तेज़ाब से 10 प्रतिशत भी किसी व्यक्ति का शरीर प्रभावित होता है तो उन्हें इसका लाभ मिलेगा| इस बैठक में समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत 3 से 6 वर्ष की उम्र वाले आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों को पोशाक हेतु मिलनेवाली पोशाक राशि में भी बढ़ोत्तरी की गयी है| आंगनबाड़ी में पढ़नेवाले बच्चों को अब पोशाक के लिए 250 की जगह 400 रुपया प्रदान किया जाएगा| इस वक्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में करीब ३२ लाख बच्चें हैं|


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