रिजर्व बैंक ने ब्‍याज दरों को रखा अपरिवर्तित, बैंकों को ब्‍याज दर घटाने की दी सलाह

रिपोर्ट: साभार

नयी दिल्‍ली : रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए रेपो रेट और सीआरआर को पूर्व की तरह रखने की घोषणा की है. रेपो रेट और सीआरआर में कोई कटौती नहीं की गयी है. रेपो रेट में पिछले वित्त वर्ष में दो बार कटौती की गयी थी. उसके बार रेपो रेट 7.5 फीसदी है और सीआरआर अभी 4 फीसदी है. रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के कहा कि बैंक पहले पिछली बार के रेट कट का फायदा अपने ग्राहकों को दें, उसके बाद रिजर्व बैंक आने वाले दिनों में रेट कट पर विचार करेगा. रेपो रेट वह दर होता है जिस दर पर रिजर्व बैंक व्‍यापार करने के लिए बैंकों को ऋण उपलब्‍ध कराता है. मौजूदा समय में यह दर 7.5 फीसदी है. रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कोई बदालाव नहीं किया और यह चार प्रतिशत बना रहेगा. सीआरआर बैंकों के पास जमा राशि का वह हिस्सा है जो उन्हें रिजर्व बैंक के पास रखना होता है और इस पर रिजर्व बैंक उन्हें ब्याज नहीं देता. आरबीआई ने कहा कि आर्थिक आंकडों को देखकर और उदार रवैया अपनाया जा सकता है. आरबीआई को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति 5-5.5 प्रतिशत के आस-पास स्थिर रहेगी. आरबीआई को वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 7.8 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद जो 2014-15 के 7.5 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि से अधिक है. मुख्य दरों में अगली कटौती बैंकों द्वारा नीतिगत पहल को प्रभावी तरीके से आगे बढाने पर निर्भर करेगा. रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि नये GDP आंकड़ों के कारण पॉलिसी तैयार करने में दिक्कत हो रही है. बैंकों के दो बार की रेट कट के बावजूद भी कर्ज सस्ता नहीं किया. बैंकों की ओर से कर्ज सस्‍ता किये जाने का हम इंतजार कर रहे हैं. राजन ने कहा कि मॉनसून के बाद महंगाई के कुछ और आंकड़ों का हमें इंतजार है, उसके बाद रेट की संभावनाओं पर विचार किया जायेगा. उन्‍होंने कहा कि CPI महंगाई दर 5.8% रहने का अनुमान है. रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए रेपो रेट और सीआरआर को पूर्व की तरह रखने की घोषणा की है. रेपो रेट और सीआरआर में कोई कटौती नहीं की गयी है. रेपो रेट में पिछले वित्त वर्ष में दो बार कटौती की गयी थी. उसके बार रेपो रेट 7.5 फीसदी है और सीआरआर अभी 4 फीसदी है. रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के कहा कि बैंक पहले पिछली बार के रेट कट का फायदा अपने ग्राहकों को दें, उसके बाद रिजर्व बैंक आने वाले दिनों में रेट कट पर विचार करेगा. इससे पूर्व उद्योग घरानों और बैंकों ने रेट कट की उम्‍मीद जतायी थी. विशेषज्ञों की माने तो बेमौसम बरसात की वजह से रबि फसलों और सब्जियों को हुए नुकसान से महंगाई बढ़ने की उम्‍मीद है. विशेषज्ञों ने कहा कि मार्च-अप्रैल में हर साल महंगाई में इजाफा होता है जिसका परिणाम मई के दूसरे सप्‍ताह तक आता है. इसके बाद रिजर्व बैंक को रेट कट के फैसले लेने में आसानी होगी. रेट कट की घोषणा नहीं होने के बाद शेयर बाजार में गिरावट शुरू हो गया है. आज के शुरुआती कारोबार में सेंसेक्‍स 100 से ज्‍यादा अंक बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था. क्‍या कहा रिजर्व बैंक के गवर्नर ने? बैंक जल्‍द से जल्‍द घटाएं ऋणों पर ब्‍याज दर. अगस्‍त तक CPI 4 फीसदी रहने का अनुमान. बेमौसम बारिश की वजह से महंगाई बढ़ने का खतरा. 2018 तक सीपीआई 4 फीसदी के नीचे लाने का प्रयास किया जायेगा. रिजर्व बैंक का महंगाई घटाने पर फोकस जारी रहेगा. US की मॉनिटरिंग पॉलिसी पर कड़ी नजर रहेगी. पर्याप्‍त लिक्विडिटी बैंकों को रेट घटाने में मदद करेगा. मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा 9 जून को की जायेगी.


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