माओ के बाद दूसरे सबसे ताकतवर नेता बने शी जिनपिंग, तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ

रिपोर्ट: साभार

बीजिंग:  चीन की संसद ने संविधान से उस नियम को हटा दिया जिसके तहत कोई भी शख्स सिर्फ 2 बार ही राष्ट्रपति रह सकता है। इसके साथ ही जिनपिंग जब तक चाहें तब तक देश के राष्ट्रपति रह सकते हैं।चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो चुका है। बता दें कि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने पिछले हफ्ते संसद में इस सिलसिले में प्रस्ताव पेश किया था। वोटिंग में कांग्रेस के 2964 सदस्यों में से सिर्फ दो ने राष्ट्रपति बनने की सीमा बढ़ाए जाने के खिलाफ वोट किया, जबकि तीन सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। जिनपिंग अब माओत्से तुंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बन गए हैं।

गौरतलब है कि चीन में राष्ट्रपति डेंग जाओपिंग ने 1982 में एक विधेयक पेश किया था। इसके तहत अगला कोई भी राष्ट्रपति दो बार से ज्यादा इस पद पर नहीं रह सकता था। माना जाता है कि जाओपिंग ने ये कदम माओत्से तुंग के 1966-76 के कार्यकाल की वजह से लिया था। इस दौरान चीन में हुई सांस्कृतिक क्रांति में कई नागरिकों की जान गई थी। पिछले साल अक्टूबर में जिनपिंग के खास 69 साल के वांग किशान ने पार्टी की स्टेंडिंग कमेटी से इस्तीफा दे दिया था। चीन में 70 साल की उम्र के बाद अधिकारी अपने पद पर नहीं रह सकते। हालांकि, इस्तीफा देने के बाद इसी साल उन्हें संसद प्रतिनिधि बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक, चीन की लीडरशिप उन्हें उपराष्ट्रपति बनाना चाहती है। 
अगर 70 साल की उम्र के बाद भी वांग ने अपने प्रतिनिधि पद से इस्तीफा नहीं दिया तो शी जिनपिंग का दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति बनना तय हो जाएगा। हालांकि, ऐसा नहीं होने पर जिनपिंग पर इस्तीफे का नैतिक दबाव बनेगा। चीन में पार्टी अध्यक्ष का रोल राष्ट्रपति से भी ज्यादा बड़ा माना जाता है और जिनपिंग को पार्टी में जल्द ही वो स्थान दिया जा सकता है। जिससे 2023 में राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी वो चीन के सबसे ताकतवर शख्स बने रह सकते हैं।


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