पटना : कुर्सी मोह में बिहार की जनता की पीड़ा को भूल चुके हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार| असली देशी पार्टी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह आरोप लगाया है| पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने कहा है कि अभी पूरा बिहार कोरोना महामारी से जूझ रहा है और राज्य में अधिकांश गरीब परिवार भूखमरी के शिकार हैं| ऐसी स्थिति में लोगों को राहत पहुंचाने की बजाय बिहार के मुखिया का चुनावी तैयारी में जुट जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है| यह जनता दल यूनाइटेड की संवेदनहीनता को दर्शाता है| जेडीयू,भाजपा, राजद के लिए बिहार की जनता सत्ता हासिल करने की सीढ़ी मात्र है| कोरोना संक्रमण काल में नीतीश सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए अधिकारियों की कार्यशैली पर श्री यादव ने कई सवाल खड़ा किया है| उन्होंने कहा कि खूद को सुशासन का पर्याय और संवेदनशीलता की प्रतिमूर्ति माननेवाले नीतीश कुमार कुर्सी मोह में जनता की परेशानियों को पूरी तरह से भुला चुके हैं| बिहार की जनताकुर्सी मोह में फंसे नीतीश कुमार को सबक सिखाने के लिए तैयार है|
ललन यादव ने कहा कि कोरोना के इस संक्रमण काल में मजदूर से लेकर हर आम आदमी अन्न का मोहताज हो गया है, खाने के लाले पड़े हुए हैं| ऐसी परिस्थिति में एक तरफ नीतीश कुमार पुनः सत्ता पाने के लिए छटपटा रहे हैं और पूरे दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं का फीडबैक ले रहे हैं| दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह डिजिटल रैली कर बिहार के लोगों को एक बार फिर मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने की नाकाम कोशिश में जुटे है| बिहार की जनता इस बार किसी के बहकावे में नहीं आएगी| इस बार के चुनाव में मतदाता नाम पर नहीं काम पर वोट करेंगे क्योकि जनता पूरी तरह सजग एवं सतर्क है| नीतीश राज में हुए कामों और कागजी आंकड़ों की तुलना लालू-राबड़ी की सरकार से करने का कोई मतलब नहीं है।