बिहार को मछली व्यवसाय में अग्रणी बनाने के लिए जीविका दीदीयाँ आयें साथ : ऋषिकेश कश्यप

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना :  बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (कॉफ्फेड) ने जीविका समूह के साथ मिलकर मछली उत्पादन एवं व्यवसाय में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहयोग करने का आग्रह किया है। आज मछली उत्पादन क्षेत्र की बिहार जीएसडीपी में 8 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

उपरोक्त बातें कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने जीविका द्वारा आयोजित सेमिनार में कही। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने बिहार में प्रचुर मात्रा में मछली व्यवसाय के लिए संसाधन उपलब्ध कराया हैं। आज मछली के लिए बिहार आंध्र प्रदेश, और पश्चिम बंगाल पर निर्भर है। करोड़ों रुपये का राजस्व दूसरे राज्यों को जा रहा है। जीविका दीदीयाँ हर सामजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं। मत्स्य क्षेत्र में भी कॉफ्फेड के साथ जीविका दीदीयों को आना चाहिए। उनका साथ कॉफ्फेड को मिल जाए तो मछली व्यवसाय को चार चाँद लग जायेगा। मछली व्यवसाय कम खर्च में शुरू किया जा सकता है। इसमें रोजगार के काफी अवसर हैं।

ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि पूरे देश में मत्स्य क्षेत्र से 2.80 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। बिहार में मत्स्य क्षेत्र 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने की क्षमता रखता है। बस हमें दोहन करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि 15 से 29 दिसंबर तक चलने वाले सरस मेला में कॉफ्फेड ने मछली की विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का स्टॉल लगाया है। सरस मेला में पहली बार मछली के व्यंजनों का स्टाल लगाया गया है। मेला घूमने वाले लोगों को ताजी मछलियों के व्यंजनों का स्वाद मिल रहा है। हमारा कॉफ्फेड बिहार में मछली व्यवसाय को बुलंदियों पर ले जाने के लिए कृत संकल्पित है।

श्री कश्यप ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत नव-सृजित/विकसित सार्वजनिक एवं सरकारी तालाबों के रख-रखाव एवं प्रबंधन बिहार ग्रामीण जीवोकोर्पाजन प्रोत्साहन समिति (जीविका) सम्पोषित सामुदायिक संगठनों को आवंटन पांच वर्षों के लिए निःशुल्क किया जा रहा है। जीविका समूह के द्वारा जीवोकोर्पाजन के उद्देश्य से तालाबों में मत्स्यपालन के अलावे बत्तख पालन, समेकित कृषि, पार्क एवं पर्यटन का कार्य भी करने की अनुमति राज्य सरकार ने दी है। जीविका समूह की महिलाएं मत्स्यपालन, विपणन एवं प्रसंस्करण हेतु प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत आवेदन करके 60 प्रतिशत का अनुदान प्राप्त कर सकती है। अगर जीविका समूह कॉफ्फेड में सदस्य बनता है तो उन्हे निःशुल्क बीमा योजना का लाभ प्राप्त होगा। राज्य के हजारों तालाबों की बन्दोबस्ती जीविका समूह के साथ किया जा चुका है।

इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष प्रयाग सहनी, निदेशक लाल बाबू सहनी, सिमरन, ब्रजेन्द्र नाथ सिन्हा के साथ-साथ कॉफ्फेड के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।


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