निषादों को बेचने के लिए पुनः चुनावी बाजार बनाने में लगे हैं, मुकेश सहनी : ऋषिकेश कश्यप

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : निषादों के नाम पर राजनीति करने वाले वीआईपी नेता मुकेश सहनी मंत्री बनते ही निषादों को भूल गए। अब फिर से निषादों को बेचने के लिए पुनः चुनावी बाजार बनाने में लगे है। वे अपने प्रयास में कितना सफल होंगे, यह तो भविष्य में पता चलेगा, लेकिन चुनावी मैदान में प्रत्याशियों की कीमत लगने लगी है। ये बातें बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने संवाददाता सम्मेलन में कहीं।

ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि मुकेश सहनी मछुआरों एवं मल्लाहों को अनुसूचित जाति/जनजाति मे शामिल करने के नाम पर केवल दिखावा करतें हैं। उनका मल्लाह प्रेम इसी से पता चलता है कि 2021 में मंत्री रहने के दौरान तत्कालीन पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी मछुआरा दिवस भी मनाना भूल गए। उन्होंने कहा कि काफी संघर्ष के बाद मछुआरों ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से 10 जुलाई को मछुआरा दिवस मनाने की घोषणा कराया था। परन्तु विभागीय मंत्री का मछुआरा दिवस न मनाना यह दर्शता है कि वे मछुआरों के प्रति कितने चिंतित है।

श्री कश्यप ने कहा कि जानकारी के अभाव में धन्नासेठ उनकी दुकान पर पहुचने लगे है। इसके अलावा विभागीय मंत्री रहते हुए मुकेश सहनी ने तालाबों की बंदोबस्ती के राजस्व में 50ः की वृद्धि कर दिया। उसका खामियाज़ा गरीब मछुआरों को भुगतना पड़ा। मत्स्यजीवी सहकारी समितियों में गैर निषादों को प्रवेश देकर मुकेश सहनी ने मछुआरा जाति का कमर तोड़ने का काम किया, जिसके लिए निषाद जाति मुकेश सहनी को कभी माफ नहीं करेगी।

कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक ने कहा कि मुकेश सहनी 16 माह तक पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में मंत्री रहे। उन्होंने मछुआ समिति में मंत्री पद को समाप्त कर प्रबंधक की नियुक्ति कर मछुआरों का गला घोटने का प्रयास किया। ऐसे में निषादांे ने अब मुकेश सहनी को सबक सिखाने का निर्णय लिया है। निषादों ने वीआईपी नेता मुकेश सहनी को आगामी लोकसभा एवं बिहार विधान सभा चुनाव में धूल चटाने का निर्णय लिया हैं। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है। निषादों के लिए हमेशा संघर्ष करने वाले संगठन अब आगे आने लगे हैं और उनका नेता स्थानीय होगा न कि मुम्बई में टेंट गाड़ने वाला। राज्य में मछुआरों का नेतृत्व करेगा, जिसको शिक्षा से भी कोई लेना-देना नहीं है।

श्री कश्यप ने कहा कि राज्य के निषादों ने संकल्प लिया है, मुकेश सहनी को एक बार फिर मुम्बई में टेंट गाडने के लिए भेज दिया जाए ताकि राज्य के निषादों को लूटने से बचाया जा सके। मुकेश सहनी जैसे लूटेरों से राज्य के गरीब निषादों को बचाया जा सके। यह प्रदेश के निषादों के लिए सबसे बड़ी भलाई होगी। अगर वे सन ऑफ मल्लाह है तो हम प्रोटेक्टर ऑफ मल्लाह हैं।

मौके पर संघ के निदेशकगण: कुमार शुभम, ब्रजेन्द्र नाथ सिंहा, अभिलाष कुमार, सानिध्य राज, मदन कुमार, राजेन्द्र प्रसाद चौधरी, कालू कुमार एवं जयशंकर उपस्थित थे।


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