कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की कथित हत्या मामले में दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने उन्हें और उनके एक घरेलू नौकर को फंसाने का प्रयास किया। थरूर ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी को 12 नवंबर को एक पत्र लिखा था, जिसे बुधवार को सार्वजनिक किया गया। इस पत्र में थरूर ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। केरल से सांसद थरूर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थे। थरूर ने पत्र में कहा है कि दिल्ली पुलिस के चार अधिकारियों ने उनके घरेलू सहायक नारायण सिंह से सात नवंबर को 16 घंटे और आठ नवंबर को
दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने बताया कि सुनंदा पुष्कर की हत्या की गई थी और उन्हें जहर दिया गया था। सुनंदा ने साल 2010 में शशि थरूर से शादी की थी। लेकिन ठीक चार साल बाद दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में सुनंद की संदिग्ध अवस्था में मौत हो जाती है। ऐसा पहली बार नहीं है ग्लैमर, पालिटिक्स और मौत का यह काकटेल पहले भी सामने आता रहा है। सुनंदा पुष्कर और शशि थरुर- सुनंदा की थरूर से पहली मुलाकात साल 2009 में हुई थी। सुनंदा की मौत के लिए थरूर पर भी उंगलियां उठती हैं। हालांकि सुनंदा के बेटे का कहना था कि उनकी मां की मौत में शशि
योजना आयोग को खत्म करके बनाए गए नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉरमिंग इंडिया यानी नीति आयोग के उपाध्यक्ष पद पर अरविंद पनगढ़िया की नियुक्ति अनायास नहीं है। अंतरराष्ट्रीय और मुक्त व्यापार के पैरोकार अर्थशास्त्री जगदीश भगवती के शागिर्द अरविंद पनगढ़िया खुद भी दिग्गज अर्थशास्त्री हैं। भारतीय मूल के इस 62 वर्षीय अमेरिकी अर्थशास्त्री ने पिछले साल मोदी के गुजरात मॉडल का खुल कर पक्ष लिया था और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की स्थापनाओं को एक तरह से चुनौती दे डाली थी। दरअसल बहस एक बिजनेस अखबार में मोदी के विकास मॉडल पर पनगढ़िया और उनके गुरु जगदीश भगवती के लिखे लेख से शुरू हुई थी। बहस का लब्बो-लुआब यही
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आगे की जांच का फैसला लिया है। मेडिकल बोर्ड की अंतिम रिपोर्ट में इसे नेचुरल डेथ नहीं माना गया है। इसी आधार पर मर्डर का केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दूसरी तरफ शशि थरूर ने एक बयान जारी कर इस मामले में हत्या का केस दर्ज होने पर हैरानी जताई है। शशि थरूर ने जांच में हर तरह के सहयोग का वादा किया। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहराई से
नई दिल्ली। आल इंडिया मजलिस इत्तिहादुल मुस्लेमीन के अध्यक्ष असदुदीन ओवैसी और लोकसभा सदस्य ने भाजपा और नरेंद्र मोदी पर जमकर प्रहार किया है। उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो देश में अशांति फैलाने के लिए काफी हैं। उन्होंने यह बातें एक निजी चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम के दौरान कहीं। इस दौरान उन्होंने धारा 370 पर भी अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ जम्मू कश्मीर में चुनाव को जीतने के लिए ऐसे बयान दे रही है। बातचीत के दौरान ओवैसी ने आरएसएस पर भी हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे के दौरान वहां गीता को
हैदराबाद। मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन के प्रमुख असाउद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से भड़काऊ बयान दिया है। इसबार भड़काऊ बयानों की हर सीमा को लांघते हुए ओवैसी ने कहा है कि इस्लाम ही सभी धर्मों का असल घर है। अगर दूसरे धर्म के लोग इस्लाम को अपनाते हैं तो यह उनके लिए सहीं मायने में घर वापसी होगी। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा कि हर बच्चा मुस्लिम होकर ही जन्म लेता है लेकिन उसके माता-पिता उसे दूसरे धर्म में परिवर्तित कर देते हैं। लोगों के लिए सही घर वापसी तभी हो सकती है जब वह इस्लाम को अपनाए। हैदराबाद में मिलाद-उन-नबी की पूर्व संध्या पर लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव केएन गोविंदाचार्य ने ही 1995 में जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा प्रत्याशी के रूप में रघुवर दास के नाम पर मुहर लगायी थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में रघुवर दास के नाम की घोषणा होने पर ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में गोविंदाचार्य ने कहा कि रघुवर दास जमीन से जुड़े नेता रहे हैं. वे तब भी कार्यकर्ताओं के बीच थे जब पहली बार प्रत्याशी के रूप में उनका नाम सामने आया था. उनमें नेतृत्व क्षमता दिख रही थी. भले हमने चयन किया था, लेकिन इसमें कोई शक नहीं था कि वह सफल नहीं होंगे क्योंकि वे उस समाज के बीच से ही आते थे,
नई दिल्ली . जम्मू।-कश्मी2र में त्रिशंकु विधानसभा बनने के बाद सरकार कैसे और किसकी बनेगी, इस पर गुरुवार को भी हलचल रही। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने पीडीपी को जम्मूर-कश्मींर में सरकार बनाने के लिए समर्थन की पेशकश की है। उधर, भाजपा ने सरकार बनाने को लेकर अंतिम रणनीति तय करने की बात कही। हालांकि, पार्टी की ओर से इसका औपचारिक एलान नहीं किया गया। अरुण जेटली ने श्रीनगर में भाजपा विधायकों के साथ अलग-अलग बैठक कर सरकार गठन पर उनकी राय ली। बाद में सभी विधायकों की एक साथ बैठक हुई। अंत में एक प्रस्ताठव पारित किया गया और इसमें सरकार गठन व राज्यब विधायक
नई दिल्ली। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर प्रस्तावित सुशासन दिवस को लेकर सबसे ज्यादा तैयारियां कर रहा है। इस दिन मंत्रालय की तरफ से कई तरह के कार्यक्रमों व योजनाओं का शुभारंभ होगा। इस दिन मंत्रालय करीब दस तरह के कार्यक्रमों की शुरूआत करेगा। इसमें गुजराती, बांग्ला और मणिपुरी भाषा में डोमेन की शुरूआत की जाएगी जिससे तीनों भाषाओं में इंटरनेट के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। यह डोमेन डॉट भारत नाम से होगा। इस नाम से देवनागरी लिपि के लिए डोमेन की शुरूआत हो चुकी है। माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में रोजगार के लिए 50 हजार युवाओं को तैयार करने के लिए भी
नई दिल्ली। संसद के बाद समाजवादी मोर्चे ने सड़क पर भी मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाई। हालांकि, जनता परिवार के औपचारिक तौर पर एकजुट होने का फार्मूला जंतर-मंतर के इस बहुप्रतीक्षित प्रदर्शन में भी तय नहीं हो पाया। कालेधन की वापसी और धर्मातरण जैसे मुद्दों पर जनता परिवार से टूटकर बने पांच दलों ने संयुक्त हमला बोला। खुद को देश में बतौर मजबूत विकल्प पेश करते हुए इस मोर्चे ने मोदी सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया। मुलायम की अगुवाई में धरने में भीड़ भी ज्यादातर समाजवादी पार्टी की तरफ से ही जुटाई गई थी। सरकार को गरीब और मुसलिम विरोधी ठहराने पर जहां वक्ताओं का जोर था,
नयी दिल्ली/पटना/लखनऊ : पूर्ववर्ती ‘जनता परिवार’ के छह दल अपनी ‘महाविलय’ योजना के अग्रगामी कदम के रूप में सोमवार को दिल्ली में ‘महाधरना’ देंगे. ये दल एक मंच साझा कर जनता का ध्यान इस ओर दिलायेंगे कि किस तरह नरेंद्र मोदी सरकार विभिन्न मोरचों पर असफल रही और चुनावी वादों को पूरा नहीं किया. यह महाधरना अब जंतर-मंतर की जगह संसद मार्ग पर होगा. इसे तृणमूल कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है. उम्मीद है कि उसके नेता भी इसमें शामिल होंगे. इस बीच चर्चा यह भी है कि इस समाज को तोड़ना चाह रहे हैं. मौके पर लालू प्रसाद के नेतृत्ववाला राजद और नीतीश कुमार की अगुआईवाला जदयू एक