विकेटकीपर-बल्लेनबाज महेंद्र सिंह धोनी ने मेलबर्न टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के बाद अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला कर लिया। हालांकि संन्यास लेने की घोषणा उन्होंने खुद करने के बजाए बीसीसीआई को मेल के जरिए सूचिलत करके किया और फिर वहां से धोनी के इस फैसले के बारे में सभी को जानकारी मिली। कप्तान धोनी के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के पीछे भले ही कई कारण बताए जा रहे हों लेकिन उनके शानदार क्रिकेट करियर और कप्तानी में टीम इंडिया को गौरवान्वित होने का मौका कई बार मिला। वह टीम के सबसे सफल टेस्ट कप्तान तो हैं और उनकी ही कप्तानी में टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में

टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा के बाद खड़गपुर में उसके दर्जनों साथी खिलाड़ी चौंक गये. मालूम हो कि धौनी ने अपनी पहली नौकरी की शुरुआत यहीं से की थी. उसने 2001 से यहां खड़गपुर रेलवे में बतौर टीसी ज्वाइन किया था. खड़गपुर रेलवे क्रिकेट टीम के कोच सुब्रतो बनर्जी ने कहा कि महि के इस निर्णय से हम दु:खी जरूर हैं, लेकिन इसकी उम्मीद दिख रही थी. श्री बनर्जी ने एक वाक्या सुनाते हुए कहा कि जब महि यहां आया था, तो उसके खेल के प्रति लगन को देखते हुए यहां सभी को अहसास हो गया था कि यह लड़का एक

मेरे लिए यह खबर चौंकाने वाली है। मेरे विचार से उन्हें कम से कम दो साल और खेलना चाहिए था क्योंकि वह काफी फिट खिलाड़ी हैं। - दिलीप वेंगसरकर, पूर्व क्रिकेटर मरते वक्त मैं जो सबसे अंतिम चीज देखना चाहूंगा वह 2011 के विश्व कप फाइनल में लगाया गया धोनी का विजयी छक्का होगी। -- सुनील गावस्कर जल्दबाजी में नहीं लिया निर्णय : बीसीसीआई यह जल्दबाजी में लिया गया निर्णय नहीं है। यह फैसला काफी सोच विचार के बाद गहन चिंतन के बाद किया गया है। बोर्ड जानता था कि धोनी किसी एक प्रारूप को छोड़ने पर विचार कर रहे हैं ताकि अन्य दोनों प्रारूपों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। मेलबर्न मैच के

टीम ‌इंडिया के सबसे करिश्माई कप्तान और भारत को कई स्वर्णिम सफलता दिलाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी का यूं अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का फैसला लोगों के गले नहीं उतर रहा है। वो भी तब जब भारत टीम आस्ट्रेलिया दौरे पर मुश्किलों से जूझ रही है। ऐसे में कप्तान धोनी का सीरीज खत्म होने से पहले ही अचानक कप्तानी के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है। सवाल इसलिए भी हैं कि धोनी ने इस फैसले से पहले किसी को इस बारे में भनक तक नहीं लगने दी। जबकि आमतौर पर बड़े खिलाड़ी संन्यास जैसा महत्वपूर्ण फैसला लेने से पहले इस तरह के संकेत जरूर

मेलबर्न टेस्ट ड्रॉ कराने के साथ ही कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। चार मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआती दोनों मैच हारकर टीम इंडिया पहले ही सीरीज जीतने की रेस से बाहर हो चुकी थी। कप्तान धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया का विदेशी धरती पर बेहद खराब प्रदर्शन रहा था। मेलबर्न टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के बाद बीसीसीआई ने धोनी के हवाले से उनके टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की जानकारी दी। धोनी के इसी मैच के साथ ही संन्यास लेने पर सीरीज के अंतिम टेस्टा मैच की कप्ता।नी एक बार फिर विराट कोहली के हाथों में आ गई है। कोहली ने

विराट कोहली मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर आज अपनी शानदार पारी से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक सीरीज में तीन शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गये। उन्होंने सुनील गावस्कर की बराबरी की। कोहली को अभी इस सीरीज में एक और मैच खेलना है लेकिन रिकॉर्ड के लिये बता दें कि गावस्कर ने विदेशी दौरों पर दो बार तीन या इससे अधिक शतक लगाये हैं। उन्होंने 1971-72 में अपने पहले विदेशी दौरे में वेस्टइंडीज में चार और फिर 1977-78 में ऑस्ट्रेलिया में तीन शतक लगाये थे। कोहली ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 169 रन की पारी खेली जो दिसंबर 2003 में वीरेंद्र सहवाग के 195 रन के बाद किसी मेहमान बल्लेबाज

मेलबर्न। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बहुचर्चित बहिष्कार की घटना के लगभग तीन दशक बाद पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने विरोध जताने के अपने तरीके पर शनिवार को खेद जताया और कहा कि यह उनकी तरफ से बहुत बड़ी गलती थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1981 की सीरीज खराब अंपायरिंग के कारण प्रभावित हुई थी। डेनिस लिली की इनकटर पर अपने तीसरे टेस्ट मैच में अंपायरिंग कर रहे रेक्स वाइटहेड ने गावस्कर को पगबाधा आउट दे दिया। गावस्कर का मानना था कि गेंद उनके बल्ले को छूकर पैड पर लगी। वह क्रीज से नहीं हटे और उन्होंने अपना विरोध जताया। गावस्कर ने अपना बल्ला पैड पर पटका ताकि अंपायर उनकी

मेलबर्न। भारतीय टीम बेशक इस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैच हारकर पिछड़ रही है लेकिन पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग की मानें तो बॉक्सिंग-डे टेस्ट (मेलबर्न, तीसरा टेस्ट) ही वो मौका है जब टीम इंडिया इस सीरीज में जीत दर्ज कर वापसी कर सकती है। पोंटिंग के मुताबिक एमसीजी (मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड) के हालात भारतीय टीम को रास आएंगे। - भारत के पास है मौकाः रिकी पोंटिंग ने कहा, 'अगर कोई ऐसा मैच है जो वो (टीम इंडिया) जीत सकते हैं, तो ये (मेलबर्न टेस्ट) वही है। मेलबर्न का धीमा व सपाट विकेट भारतीय टीम को रास आ सकता है। इसलिए मेरे हिसाब से उनके पास मौका है।' हालांकि

मेलबर्न। भारतीय ड्रेसिंग रूम में चल रही उथल-पुथल की जैसी खबरें निकलकर सामने आ रही हैं, उसका फायदा उठाने से अब ऑस्ट्रेलियाई टीम भी नहीं चूक रही। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने तो मेलबर्न टेस्ट से पहले भारतीय टीम का जमकर मजाक उड़ा डाला है। स्मिथ के मुताबिक भारतीय टीम के साथ मैदान पर स्लेजिंग (कहासुनी या छींटाकशी) करने की ऑस्ट्रेलियाई टीम को जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय टीम इस समय अपने आप में ही ऐसा करने में व्यस्त है। स्मिथ ने कहा, 'हमे स्लेजिंग करने या ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है क्योंकि फिलहाल भारतीय टीम अपने आप में ही ये सब करने में व्यस्त है। अपनी टीम के अंदर

मुंबई। अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और कुछ अन्य पूर्व भारतीय खिलाडि़यों द्वारा बहुचर्चित अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (यूडीआरएस) की खुलकर वकालत किए जाने के बाद क्रिकेट बोर्ड ने अपने पिछले रवैये को दोहराते हुए मंगलवार को साफ किया कि यह रेफरल तकनीक उसे वर्तमान स्वरूप में मान्य नहीं है। बीसीसीआइ सचिव संजय पटेल ने कहा, 'हम शुरू से ही यह कहते रहे हैं कि यूडीआरएस वर्तमान स्वरूप में हमें स्वीकार नहीं है। हमारा विरोध गेंद की दिशा बताने वाली तकनीक और कौन खिलाड़ी रेफरल का फैसला लेगा इस प्रक्रिया को लेकर है। आखिर टीवी स्क्रीन पर बैठा तीसरा अंपायर रेफरल का फैसला क्यों नहीं ले सकता है।'इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल)

भारतीय क्रिकेट जगत की अद्भूत और असाधारण शख्सियतों में अपना नाम शुमार कर सफलता के नये मुकाम कायम करने वाले राष्ट्रीय टीम के कप्तान झारखंड के महेंद्र सिंह धौनी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 10 वर्ष पूरे कर लिये। 10 वर्ष पहले 23 दिसंबर 2004 को चटगांव में बंगलादेश के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले धौनी ने 23 वर्ष की उम्र में झारखंड से निकलकर दुनिया पर छा जाने के लिये कदम बढ़ाया और क्रिकेट की दुनिया में लोकप्रियता बटोरी। भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान धौनी ने कपिल देव के बाद देश


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