पटना: बढ़ती गर्मी के प्रकोप ने हृदय रोगियों की मुश्किलें भी बढ़ा दी है, जिसके कारण सरकारी एवं निजी अस्पतालों में हृदय रोगियों की संख्या में इन दिनों काफी इजाफ़ा देखा जा रहा है| राजधानी पटना के इंदिरा गाँधी हृदय रोग सस्थान में हार्ट संबंधी शिकायतें लेकर पहुंचने वालों की काफी तादाद देखी जा रही है| बिहार के बाहर एवं सूबे के सुदूरवर्ती इलाकों से तरह-तरह की समस्याएं लेकर लोग यहाँ इलाज कराने पहुँच रहे हैं|

प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ एवं इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान के उप-निदेशक डॉ ए0के0 झा ने कहा कि गर्मी के मौसम में हार्ट के मरीजों में इन्फेक्शन ज्यादा होता है|

बढ़ता वजन हर किसी के लिए परेशानी का सबब होता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए हम तुरंत अपनी खुराक घटाने में लग जाते हैं। जबकि इस तरह आप अपनी सेहत से समझौता कर बैठती हैं और आपको यह पता भी नहीं चलता। कैसा खाएं कि वजन और सेहत, दोनों रहें संतुलित, आइए जानें-
जिस तरह जीवन में संतुलन की जरूरत होती है, उसी प्रकार आपके खाने में भी संतुलन होना बहुत आवश्यक है। डॉ. देबजानी बैनर्जी, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, डायटेटिक्स पीएसआरआई हॉस्पिटल बताती हैं कि बढ़ते वजन को कम करने के लिए बिना एक्सपर्ट के डायटिंग की आदत आपको बीमारियों का शिकार बना देती है। इस तरह

मक्खन एक ऐसी चीज है जो न सिर्फ आपके खाने का स्वाद बदल देता है बल्कि यह लोगों को सेहतमंद बनाता है। लेकिन कुछ लोगों को यह भी शिकायत रहती है कि बटर से मोटापा बढ़ता है और हार्ट की समस्याएं होने का खतरा भी रहता है। लेकिन हकीकत यह है कि यदि सीमित मात्रा में इसे खाया जाए तो यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।मक्खन खाने के कई फायदे है| बटर में वसा का मुख्य सोर्स है और इसमें विटामिन ए, ई और के2 भी काफी मात्रा में पाया जाता है। यदि आपको अपने शरीर में इन विटामिन्स की कमी नहीं होने देना तो बटर जरूर खाएं।

लंदन : सीने में जलन, पेट में सूजन और अल्सर जैसी स्थितियों के इलाज में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली एक दवा उस जीवाणु से लड़ सकती है, जिससे क्षयरोग (टीबी) होता है.

एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जो लोग लैंसोप्रोजोल का इस्तेमाल करते हैं उनमें टीबी होने की आशंका एक तिहाई तक कम हो जाती है.

अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि वर्ष 2016 में, एक करोड़ चार लाख लोग टीबी के शिकार हुए और यह विश्वभर में होने वाली मौतों के 10 बड़े कारणों में से एक है.

यूसीएल इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के टॉम येट्स ने कहा, माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस

अगर आप महिला हैं और आपको डायबिटीज है तो रोजाना चाय और कॉफी का रोजाना सेवन आपको कैंसर और दिल की बीमारियों से दूर रख सकता है। एक स्टडी में इसका खुलासा हुआ है। स्टडी में बताया गया है कि महिलाएं जो कैफिन लेती हैं उन्हें उन महिलाओं के मुकाबले जो कैफिन नहीं लेती हैं मौत का खतरा कम होता है। इससे पहले भी की गई रिसर्च में बताया गया है कि कॉफी टाइप-टू डायबिटीज से बचाव कर सकती है। औसतन रोज कॉफी का इसेतमाल 100 मिलिग्राम, 300 मिलिग्राम प्रति दिन होना चाहिए और ये आपके देश, उम्र पर निर्भर करता है

। कैफीन का अधिक मात्रा में इस्तेमाल दिल की

प्रदूषित वातावरण, धूल- मिट्टी, पूरे दिन टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर के सामने बैठे रहना ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं। जिसके कारण आंखों में दर्द, जलन और चुभन जैसी समस्या से हम ग्रसित हो जाते हैं। 1- सुबह-सुबह नंगे पांव ओस पड़ी हरी घास पर चलने से आंखों की रोशनी तेज होती है। 2- सबसे पहले ध्यान के आसन में बैठ जाएं। फिर 6 से 7 मीटर दूर रखी किसी चीज को एक टक देखते रहें। इस तरह से ध्यान लगाने से चुभती हुई आंखों को आराम मिलता है। 3- यह तरीका बहुत ही पुराना है। दोनों हाथेलियों को आपस में 10 से 15

लखनऊ.यूपी के हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह ने गोरखपुर मेड‍िकल कॉलेज (BRD) में बच्चों की मौत के बाद एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था- ''अगस्त महीने में मौतें होती ही हैं। ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है।'' आपको बता दें, 1 से 30 अगस्त 2017 तक BRD में 399 मौतें हो चुकी हैं। इस बार मौत के आंकड़े ने पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 30 अगस्त को सीएम योगी ने अपने एक बयान में कहा- ''सब चाहते हैं कि उनके बच्चों का लालन-पोषण सरकार करे।'' उनके इस बयान के बाद यूपी की हेल्थ डिपार्टमेंट की चर्चा शुरू हो गई है। DainikBhaskar.com आज आपको 2005 से अब तक

घर, ऑफिस या फिर मेट्रो हर जगह आपको कानों में ईयरफोन लगाए लोग मिल जाएंगे। गौर करने वाली बात ये है कि कानों में ईयरफोन लगाने का ट्रेंड अब सिर्फ शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे गांवो में भी जबरदस्त तरीके से देखा जा रहा है। दिलचस्प बात तो ये है कि लोग अपनी इस आदत से इतने मजबूर हो गए हैं कि वो इसके बिना एक सेंकेड भी रहना पसंद नहीं करते। लेकिन क्या आपको पता है आपके ईयरफोन की यही लत आपको बीमारियों की चपेट में डाल रही है खासतौर पर दूसरे के ईयरफोन का इस्तेमाल करना। तो चलिए आज हम आपको दूसरे के ईयरफोन को इस्तेमाल करने से

सुबह का नाश्ता या रात के खाने के बाद चाय पीना अधिकतर लोगों को पसंद होता है। लेकिन इस आदत को जितना जल्दी हो सके बदल डालिए, क्योंकि इस दौरान चाय पीने से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने भारतीयों के खानपान से संबंधित गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि सुबह नाश्ते के समय हमारे शरीर को सबसे ज्यादा पोषण की आवश्यकता होती है। लेकिन नाश्ते के एक घंटे के भीतर चाय या कॉफी का सेवन करना गंभीर बीमारियों को बुलावा है। इससे शरीर में आयरन की अवशोषण क्षमता घटती है और पोषण के बावजूद व्यक्ति एनिमिया का शिकार हो जाता है। इसके

मानसून की शुरुआत के साथ ही बीमारियों के प्रकोप का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सकों ने खासकर बच्चों को सलाह दी है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी से भरपूर आहार कट्टे फल जैसे नींबू, संतरा का सेवन करना चाहिए, ताकि इस मौसम में शरीर में संक्रमित कोशिकाओं को खत्म करने में मदद मिल सके। विटामिन सी को प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए बेहतरीन माना जाता है। नींबू में विटामिन सी काफी होता है, इसलिए नींबू पानी पीकर भी संक्रमण से बच सकते हैं। बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) के हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने आणविक प्रक्रिया का पता लगाया, जिसमें पाया कि विटामिन सी माइकोबैक्टिरियम स्मेगमेटिस को खत्म

वर्तमान में अंगरेजी चिकित्सा पद्धति अधिक प्रचलित है, मगर महंगी व विशेष परिस्थितियों में रोगी को समुचित लाभ नहीं मिल पाने से लोग अन्य विकल्पों को तलाशते हैं. इसी जरूरत को पूरा करने के लिए आज प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियाें पर बहुत कुछ किया जा रहा है. इसमें सुजोक पद्धति बेहद कारगर मानी जा रही है, जिसे एिशयाई देशों में प्रचलित कई प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को मिला कर तैयार किया गया है. यह कई रोगों में दवाओं का विकल्प बनने की क्षमता रखती है और अंगरेजी पद्धति के साथ भी इसे प्रयोग कर सकते हैं. इसके बारे में बता रही हैं हमारी सुजोक थेरेपी विशेषज्ञ. अंतरा चौधरी सुजोक थेरेपिस्ट, क्लब हाउस


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