हेल्थ डेस्क।बॉडी में सोडियम की मात्रा को बैलेंस करने के लिए पोटैशियम की जरूरत होती है। पोटैशियम की कमी होने पर बॉडी फंक्शन्स सही तरह से नहीं हो पाते और थकान, कमजोरी, कब्ज जैसी प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। सरोज सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली की फूड एंड न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट डॉ. निधि धवनका कहना है कि वक्त रहते पोटैशियम की कमी को पहचानकर इसकी कमी को दूर किया जाए, तो बड़ी प्रॉब्लम से बचा जा सकता है। डॉ. निधि बता रही हैं बॉडी में पोटैशियम की कमी के संकेतों के बारे में। कितना चाहिए पोटैशियम...? RELATED • लड़कियों का पहला पीरियड देता है किन 9 बातों का संकेत? जानिए यहां • जापानी लोग मोटे क्यों नहीं होते?

नई दिल्ली। पुत्रजीवक दवा पर बढ़ता बवाल देख योग गुरु बाबा रामदेव ने पुत्रजीवक दवा का नाम बदलने का फैसला किया है। एक समाचार चैनल पर बातचीत के दौरान रामदेव ने कहा कि वह इस दवा के लिए सरकार से लाइसेंस लेंगे और नाम भी बदल देंगे। इससे पहले बाबा रामदेव ने दवा मामले पर संसद में हुए विवाद पर पलटवार करते हुए कहा कि संसद में झूठ बोलना अपराध है। उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों को आयुर्वेद का ज्ञान नहीं है। मोदी को निशाना बनाना गलत रामदेव ने आरोप लगाया कि पुत्रजीवक दवा के नाम पर विपक्ष मेरे जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहे हैं। जो कि किसी भी

सुमिता कुमारी डायटीशियन डायबिटीज एंड ओबेसिटी केयर सेंटर, पटना तांबे के बरतनों में रखे पानी यानी ताम्र जल को पीने की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है. इसके पीछे वैज्ञानिक आधार भी है. अगर आठ घंटे तांबे के बरतन में रखा हुआ पानी सुबह में खाली पेट पिया जाये, तो यह सेहत के लिए कई तरह से उत्तम है. भारत में तांबे के बरतनों में पानी रखने की परंपरा सदियों से रही है. इसे स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है. आयुर्वेद में इसके बारे में कहा गया है कि इसमें रखे पानी को पीने से यह शरीर के तीनों दोषों (वात, पित्त और कफ) को दूर करता है. इसे हमारे

कितना अच्छा हो कि बच्चे की खुराक में कैल्शियम, विटामिन्स, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट सरीखे तमाम जरूरी पोषक तत्व हों, जो बचपन से उसे सेहतमंद आधार दे सकें। बच्चे के खाने को कैसे बनाएं सेहत भरा, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी आपके छोटू का आज और कल दोनों ही सेहतमंद हो, यकीनन आप यही चाहती होंगी। पर अक्सर ऐसा हो नहीं पाता। कई बार कारण आपके जेहन में पल रही भ्रांतियां होती हैं तो कई बार जानकारियों का अभाव। जाने-अनजाने आप उसकी थाली से पोषक तत्वों को दूर कर देती हैं। ऐसा न हो, इसलिए जरूरी है कि बच्चे की खुराक से जुड़ी कुछ बुनियादी जानकारियां आपको पता हों। रागी में है कैल्शियम हड्डियों के

नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सरकार ने बच्‍चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान शुरू किया है. इसका लक्ष्य रोकी जा सकने वाली सात बीमारियों से जुडे टीकों को 2020 तक उन सभी बच्चों तक पहुंचाना है जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या जिन्हें आंशिक तौर पर टीके लगे हों. स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने बताया कि ‘इंद्रधनुष’ मिशन को अप्रैल से जुलाई के बीच बहुत जोर शोर से ‘कैच अप’ अभियान की तरह चलाया जाएगा. इसमें दो साल की उम्र तक के सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक इसका लाभ पहुंचाना है. इसके प्रभावी अनुपालन

पेट की चर्बी घटाने के लिए अब घंटों कसरत करने और भोजन छोड़ने की जरूरत नहीं है, यह तरकीब कारगर है। डेलीमेल वेबसाइट पर प्रकाशित खबर की मानें तो फैट्स घटाने के लिए इन दिनों नए किस्म का चलन है। इसके तहत रस्सी के एक टुकड़े की मदद से मांसपेशियों से फैट्स कम किया जाता है। फीजियोथेरेपिस्ट का दावा है कि पेट के मध्य भाग में रस्सी बांधकर अपनी सामान्य दिनचर्या का पालन करते हुए तोंद कम की जा सकती है। ‌फीजियोथेरेपिस्ट सैमी मार्गो के अनुसार, इस विधि से रुटीन के साथ-साथ कसरत भी होती रहती है और पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने के कारण एब्स से फैट्स हटता है। पेट

वजन कम करने की चाहत में अगर आप चावल खाने से परहेज करते हैं तो अब उसकी जरूरत नहीं है। हाल में हुए शोध की मानें तो शोधकर्ताओं ने चावल पकाने का ऐसा तरीका खोजा है जिससे इसकी कैलोरी कम हो सकती है। श्रीलंका के द कॉलेज ऑफ केमिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं का मानना है कि चावल को नारियल तेल के साथ पकाने से उसकी 60 प्रतिशत कालोरी कम की जा सकती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि चावल में नारियल तेल डालकर खास तरह से पकाने पर उसमें रेजिस्टेंट स्टार्च की मात्रा बढ़ जाती है। इससे शुगर के फैट्स में बदलने का रिस्क कम होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर चावल को

शुगर का अधिक मात्रा में सेवन करने से डायबिटीज और थॉयराइड जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं, साथ ही यह मोटापे की प्रमुख वजह भी है। कभी आपने सोचा है कि क्‍यों आप वजन कम करने या एक स्‍वस्‍थ डाइट को लागू करने के कार्यक्रम को अपनाने में असमर्थ रहते हैं। और ऐसा करना आपको बिना बताये शुगर की लत की ओर घसीट रहा है। लेकिन आपकी इस समस्‍या के समाधान के लिए इस स्‍लाइड शो में कुछ ऐसे टिप्‍स दिये गये हैं जो मिठाई के प्रति आपकी लालसा में कटौती कर आपको स्‍वस्‍थ खाद्य पदार्थों की तरफ ले जायेगें। इस तरह से खाना न केवल शुगर पर अंकुश लगाने में

गर्भधारण की चाहत में जो महिलाएं फर्टिलिटी बढ़ाने से जुड़ी जानकारी की तलाश में हैं उनके लिए काम की जानकारी है। डेलीमेल वेबसाइट पर प्रकाशित शोध की मानें तो महिलाओं के मूड का संबंध फर्टिलिटी से है। ब्रिटेन के शोध की मानें तो मूड की विविधता महिलाओं के मासिक चक्र के अनुसार बदलती है और अलग-अलग चरणों के हिसाब से अलग-अलग मूड महिलाओं को अधिक प्रभावित करते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, महिलाओं में बार-बार मूड बदलना हार्मोनल बदलाव का संकेत है जबकि पुरुषों के लिए इसके फायदे कम और नुकसान अधिक हैं।आ शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के आधार पर माना है ओव्यूलेशन के दिनों में महिलाएं अधिक रोमांटिक होते हैं और अपने

बाजारों में उपलब्ध रंग और गुलाल आपके चहरे को कहीं बदरंग न कर दे। इन्हें बनाने में रासायनिक तत्वों का प्रयोग किया जाता है। इनकी वजह से त्वचा और आंखों को बहुत नुकसान होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन रंगों के संपर्क में आने से त्वचा पर कोई एलर्जी हो तो उसका तुरंत डॉक्टरों से सलाह लेकर इलाज करवाएं। साथ ही जितना हो सके मिलावटी रंगों और पानी से दूर रहें। � चर्म रोग विशेषज्ञ अमित का मानना है कि होली में प्रयोग होने वाले रंगों में शीशा और कपड़े रंगने वाले रंग रासायनिक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। इन रंगों से होली खेलने से त्वचा पर लाल दाने,

अगर आप चाय के शौकीन हैं तो दिन में तीन कप चाय पीना शुरू कर दें। हाल में हुए शोध में दिन में तीन कप चाय (भले ही दूध वाली चाय ही क्यों न हो) पीने का बड़ा फायदा पता चला है। फ्रैर्मिंघम स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि दिन में तीन कप चाय का सेवन ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद करता है और डायबिटीज का रिस्क कम करता है। काली चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और प्राकृतिक तत्व रक्त में ग्लूकोज को नियंत्रित करने के लिहाज से फायदेमंद है। इतना ही नहीं, अगर चाय में दूध भी मिलाया जाए तो भी इसके ये गुण बरकरार


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