नई दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ने पर विचार कर रहा है। ऐसा करके खतरनाक ड्राइवरों व कई लाइसेंस रखने वालों की पहचान करने में आसानी होगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों कहा था कि दो साल के अंदर देश में ऐक्सिडेंट्स की वजह से होने वाले नुकसान को घटाकर आधा करना सरकार का लक्ष्य है। अभी देश में हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है। इनमें भी ज्यादातर मामले लापरवाही व शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से होते हैं। ताकि ट्रैकिंग हो आसान कोई ट्रैकिंग सिस्टम न होने की वजह से आदतन अपराधी भी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर सुशासन दिवस मना रहे केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों ने सरकार को सीधे आम जनता से जोडऩे वाली बीस से ज्यादा योजनाओं का ऐलान किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल रूप देने की बात कही। उन्होंने कहा कि पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन देने के लिए उनकी सरकार ने पिछले सात महीनों में 'नागरिक प्रथम' केमंत्र को आधार बनाकर काम किया है। भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 90 साल के होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनके घर जाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। इसके बाद सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि सरकार
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे के निजीकरण की चर्चा को सिरे से खारिज करते हुए कहा, न कभी ऐसी इच्छा रही और न कभी इसके बारे में सोचा। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा कि उनसे ज्यादा रेलवे से कोई प्यार नहीं कर सकता, क्योंकि उन्होंने गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर ही चाय बेचते हुए अपना बचपन व्यतीत किया है। रेलवे यातायात का महत्वपूर्ण साधन ही नहीं बल्कि देश के विकास में भी अहम योगदान करने वाला संस्थान है। विदेशी निवेश से रेलवे का कायाकल्प प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए विदेशी निवेश की जरूरत है। रेलवे का विकास भी इस निवेश से
बीएचयू के संस्थापक महामना पं. मदन मोहन मालवीय वाराणसी से जुड़ी छठी शख्सियत हैं जिन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की गयी है। उनके पहले डॉ. भगवान दास, लालबहादुर शास्त्री, पं. रविशंकर, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां और प्रो. सीएनआर राव को यह सम्मान मिल चुका है। राष्ट्रपति भवन ने बुधवार को मालवीय जी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की। महामना मदन मोहन मालवीय शिक्षाविद, विधिवेत्ता, पत्रकार, समाजसेवी, समाज सुधारक, राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाने जाते हैं। एक व्यक्ति के अंदर इतनी विशिष्टताएं बिरले ही मिलती हैं। शिक्षा को वह राष्ट्र निर्माण का सबसे मजबूत आधार मानते थे। काशी
भारत की शान तिरंगा का मान बचाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में महान योगदान करने वाले बिहार ने आजादी के 67 वर्ष बाद एक और मील का पत्थर गाड़ दिया है। यदि इसपर संवैधानिक मोहर लग जाती है तो यह भी बिहार की महान उपलब्धी होगी। राजधानी पटना में पहली बार बिना जोड़ का तिरंगा बनाया गया है। मोतिहारी जिले के मधुबनी गांव में रहने वाले बुनकर सियाराम महतो ने यहां चल रहे शिल्पोत्सव में इस नायाब तिरंगा को आकार दिया है। उनका दावा है बिना जोड़ का तिरंगा इससे पहले कभी नहीं बना। 48 घंटे में हुआ तैयार तीन फुट लंबे और दो फुट चौड़े तिरंगे की हरी, सफेद और केसरिया
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मदनमोहन मालवीय को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जाएगा। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास पर पार्टी कोर ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें इस बात पर चर्चा हुई थी। इससे पहले प्रधानमंत्री की ओर से दोनों नेताओं के नाम राष्ट्रपति के पास भेजे गए थे। सूत्रों का कहना है कि 26 जनवरी को इनको भारत रत्न दिया जा सकता है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले मालवीय को भारत रत्न देने का वादा किया था। नीतीश कुमार भी वाजपेयी के
नई दिल्ली [हरिकिशन शर्मा] अटल बिहारी वाजपेयी ने न सिर्फ भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए, बल्कि प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को शिखर पर ले जाने की नींव भी रखी। उन्होंने अर्थव्यवस्था को अभावों के दौर से निकालकर आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने आर्थिक विकास के मानवीय पहलू पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप महंगाई नीचे रही और विकास दर ऊपर उठी। बीते दशक में अर्थव्यवस्था ने नई ऊंचाइयां छुई। वित्त वर्ष 2005-08 के दौरान लगातार तीन साल विकास दर नौ फीसद से ऊपर रही। दरअसल उच्च विकास दर की आधारशिला वाजपेयी के कार्यकाल में ही रखी गई थी। वाजपेयी ने जो कदम उठाए उसके फल 2001-10 के दशक में सामने
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को राष्ट्रीय ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए मोदी ने यह बात कही जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी सांसदों से कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। सभी भाजपा सांसद और सरकारी अधिकारी इस दिन को सुशासन दिवस के प्रतीक के तौर पर
नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन ने शनिवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्विटर के जरिये इसकी जानकारी देते हुए एक साझी तस्वीर जारी की है। मई में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों की यह पहली मुलाकात है। वैसे अमिताभ (72) गुजरात पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से बिग बी गुजरात पर्यटन का प्रचार कर रहे हैं। दोनों के रिश्ते काफी मधुर हैं और वे पहले भी कई मौके एक दूसरे से मिल चुके हैं। हालांकि पीएम और बिग बी की इस ताजा मुलाकात के पीछे वजह का पता नहीं चल सका
पटना: उत्तर बिहार के कुछ इलाकों में गुरुवार की रात भूकंप के झटके महसूस किये गये. इसके कारण लोग अपने-अपने घर से बाहर निकल गये. रात नौ बज कर दो मिनट पर आये भूकंप के कारण करीब 10 सेकेंड तक धरती डोलती रही. पटना समेत दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, मुंगेर सहित नेपाल की सीमा से सटे इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किये गये. पटना में भी पांच से सात सेकेंड तक भूकंप का अनुभव हुआ. मौसम विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.2 मापी गयी है. आपदा प्रबंधन विभाग ने किसी भी स्थिति से निबटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को सतर्क रहने को कहा
छपरा. भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले लोक कवि भिखारी ठाकुर का परिवार मुफलिसी में जी रहा है। देश ही नहीं विदेशों में भोजपुरी के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त करने वाले भिखारी ठाकुर का परिवार गरीबी का दंश झेल रहा है। उनकी जयंती व पुण्यतिथि पर कुछ गणमान्य पहुंचते हैं, कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, लेकिन यह सब मात्र श्रद्धांजलि की औपचारिकता तक सिमट कर रह जाता है। न तो ऐसे किसी आयोजन में भिखारी ठाकुर के गांववासियों का दर्द कम होता है और न ही उनके परिजनों को कोई मदद मिल पाती है। इस बार भी मंत्री व प्रशासनिक अधिकारियों की शिरकत होगी। कार्यक्रमों के बीच आश्वासनों की झड़ी