पटना: बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) ने आज उन सात मंत्रियों को पार्टी से निलंबित कर दिया जो मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समर्थन में हैं. विधानसभा में 20 फरवरी को मांझी सरकार को अपना बहुमत साबित करना है, उससे पहले जदयू ने यह फैसला किया है. विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से अनुमति प्राप्त करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सात मंत्रियों को पार्टी से निलंबित किया है. जिन मंत्रियों को निलंबित किया गया है उनमें नरेंद्र सिंह, बृषिण पटेल, शाहिद अली खान, सम्राट चौधरी, नीतीश मिश्र,
बिहार के मुख्यमंत्री और जीतनराम मांझी और जेडीयू नेता नीतीश कुमार के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष में 20 फरवरी को रोचक मोड़ आ सकता है। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा में 20 फरवरी को होने वाले विश्वास मत से पहले जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 20 फरवरी को बिहार विधानसभा राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस तो होगी, लेकिन मतदान की नौबत शायद न आए और मांझी इस्तीफा दे दें। हालांकि इस्तीफा देने से पहले मांझी का जो संबोधन होगा उसमें वह नीतीश घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मांझी इस भाषण
पटना: जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली सरकार के 20 फरवरी के विश्वास मत से पहले एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए जदयू और उसके सहयोगी दलों ने बिहार में राजनीतिक अस्थिरता के लिए प्रदेश के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और भाजपा पर निशाना साधा. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ बिहार को संकट और राजनीतिक अस्थिरता में डाला गया है और राज्यपाल ने भाजपा की शह पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को विश्वास मत हासिल करने के लिए अधिक समय दिया.’’ उन्होंने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री की ओर से एक के बाद एक लोकलुभावन घोषणाएं किये जाने से बिहार जबर्दस्त
अपनी कुर्सी बचाने में लगे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को एक और विवादास्पद बयान दे दिया। मांझी ने कहा कि उन्हें भी निर्माण कार्यों के ठेकों में कमीशन मिलता है, लेकिन जब वो उसे लेने से इनकार करने लगे तो उन्हें पद से हटाने की साजिश शुरु हो गयी। पटना के गांधी मैदान में आयोजित शिक्षक कर्मचारी संघ के स्थापना दिवस पर सभा को संबोधित करते हुए माझी ने कहा कि करोडों के पुल का अरबों में निर्माण हो रहा है। पुल निर्माण के लिए दिए जाने वाले ठेकों से एक बड़ी राशि कमीशन के रूप में मिलती है। यह कमीशन मुझे भी मिला करता था, लेकिन अब हम ऐसा
पटना: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सामने अपनी बात रख कर पटना लौटे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को मीडिया के सामने आये. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा व केंद्र सरकार चाहती है कि बिहार में येन-केन प्रकारेण राष्ट्रपति शासन लगा कर सत्ता दिल्ली से चलाया जाये. आखिर कोई तो यह बताये कि बिहार में किस पार्टी की सरकार है. यह 12 एमएलए की सरकार है. केंद्र सरकार साफ बहुमत पर अड़ंगा लगा रही है. विधायकों को खरीद-फरोख्त का मौका दिया जा रहा है. उन्होंने केंद्र को चेताया कि भाजपा यह नहीं भूले कि दिल्ली के चुनाव में जो हाल हुआ, वही यहां पर भी होगा. अपने सरकारी आवास सात
पटना : पटना हाइकोर्ट ने स्पीकर द्वारा नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल का नेता की मान्यता देने पर रोक लगा दी है. नीतीश कुमार को विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने जदयू विधायक दल के नेता की मान्यता तीन दिन पहले दी थी. अदालत ने यह निर्णय काराकाट के विधायक राजेश्वर राज की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. विधायक राजेश्वर राज मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समर्थक माने जाते हैं. उन्होंने ही नीतीश को नेता चुने जाने और विधानसभा में मान्यता देने को चुनौती दी थी. शनिवार को शरद यादव द्वारा पटना में बुलायी गयी विधायक
नयी दिल्लीः आज नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति के समक्ष अपने 130 विधायकों की परेड करवायी. उन्होंने राष्ट्रपति से मिलकर कहा कि हमारे पास बहुमत है इसलिए हमें सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने परेड के बाद संवाददाताओं से कहा कि हमने राष्ट्रपति के सामने 130 विधायकों की परेड करवा दी. आप भी चाहे तो मेरे कोई भी विधायकों से पूछ-ताछ कर सकते हैं. नीतीश ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से यही निवेदन किया कि वे राज्यपाल से जल्द से जल्द फैसला करने के लिए कहे. राष्ट्रपति ने इस पर क्या कहा इस बारे में नीतीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति ने सारी बातें सुनी और कहा
बिहार का सियासी घमासान अब प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी की अदालत में पहुंचेगा। जेडीयू के विधायक दल के नेता चुने गए नीतीश कुमार बुधवार को अपने समर्थक विधायकों और नेताओं के साथ प्रेजिडेंट से मिलेंगे। वह उनसे बिहार में नई सरकार बनाने के लिए कानूनी रास्ता देने का आग्रह करेंगे। इस दौरान नीतीश अपने विधायकों की परेड कराकर ताकत का भी इजहार करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार देर शाम नीतीश गुट और आरजेडी, कांग्रेस के एमएलए दिल्ली पहुंच गए। उन्हें नोएडा और गाजियाबाद में अलग-अलग ग्रुप में अनजान जगहों पर ठहराया गया है। खरीद- फरोख्त की आशंका के मद्देनजर पार्टी अपने एक-एक एमएलए पर कड़ी निगरानी रख रही है। मांझी ने की कैबिनेट
पटना : नीतीश कुमार की अगुआई में सरकार बनाने की कवायद में जुटे जदयू और उसके सहयोगी दलों कांग्रेस, राजद व भाकपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को राजभवन जाकर राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र को समर्थन पत्र सौंपा. पत्र में नीतीश कुमार को 130 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है. राजभवन ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात के लिए जदयू को सोमवार की दोपहर 1:30 का समय दिया है. उधर, नीति आयोग की पहली बैठक में भाग लेने दिल्ली गये मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बैठक के तुरंत बाद शाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. उनके कुछ समर्थक भी भाजपा
पटना। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को रविवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने जोरदार झटका दिया। नीतीश कुमार खेमे के 20 मंत्रियों की बर्खास्तगी को मानने से इन्कार करते हुए, उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। कैबिनेट की बैठक का बहिष्कार करने के चलते मुख्यमंत्री ने उक्त मंत्रियों को बर्खास्त करने का सिफारिश की थी, लेकिन उसके बाद ही इन मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफे का पत्र भेज दिया था। राज्यपाल और मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, वित एवं वाणिज्य कर मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, भवन निर्माण मंत्री दामोदर राउत, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक,
बिहार में जदयू के अंदर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच छिड़ी जंग कुछ और खिंचेगी। संभव है कि इस जंग में नीतीश खेमे में दिख रहा समर्थन कुछ और कम हो जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार और शरद यादव पर आक्रामक मांझी ने जल्द ही कैबिनेट विस्तार की बात कही। स्पष्ट संकेत दिया कि विस्तार में दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए जा सकते हैं। वह सोमवार को राज्यपाल से मिलकर इसकी अनुमति लेंगे। बावजूद इसके जदयू मांझी को हटाने में सफल रहा तो राजनीतिक रूप से महादलितों के बीच उनकी पैठ और मजबूत होगी। विपक्ष में